कई मामलो में देश मेें परचम लहराने वाला इंदौर शहर अब भिक्षुकमुक्त शहर बनेगा। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त शहर बनाने का निर्णय लिया है जिसमें इंदौर भी है। इसके तहत मंगलवार को सांसद शंकर लालवानी की अध्यक्षता में कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी मनीष कपूरिया, निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल आदि की एक बैठक हुई। बैठक में इंदौर को भिक्षुकमुक्त शहर बनाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया। इसमें मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर काम होगा। एक उन माफियाओं पर शिकंजा कसा जाएगा जो बच्चों से भिक्षावृत्ति कराकर नशाखोरी व अपराध करते हैं। दूसरा वे जो असहाय हैं इसलिए भिक्षावृत्ति करते हैं, ऐसे लोगों का रेस्क्यू कर उनका पुनर्वास किया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन, पुलिस व नगर निगम मिलकर संयुक्त रूप से काम करेंगे।
बैठक के बाद कलेक्टर मनीषसिंह ने मीडिया को बताया कि शहर में भिक्षावृत्ति एक संवेदनशील मुद्दा है। कई बार जनप्रतिनिधियों व अन्य माध्यमों से भी इस बारे में सूचनाएं मिलती रही है कि इनके पीछे कुछ माफिया हैं जो बच्चों से भिक्षावृत्ति करते हैं और उन रुपयों से नशाखोरी करते हैं। ऐसे में इनमें लिप्त बच्चों व बुजुर्गों को इससे बाहर निकालने की जरूरत है। बड़े शहरों की तरह इंदौर में भी भिखारियों की आड़ में नशा माफिया फलफूल रहा है। नशा करने वालों अपराधी छोटे बच्चों, लड़कियों और बुजुर्गों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे न केवल भिखारियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, बल्कि इससे अपराध भी बढ़ रहे हैं। सिग्नल पर वाहन चालकों को परेशान करने के मामलों में भी इजाफा हुआ है। इन सब पर लगाम कसने और खासतौर पर नशा माफिया पर शिकंजा कसने के लिए इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि असहाय लोगों (भिक्षुकों) को परदेशीपुरा स्थित भिक्षुक पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा। इसके साथ ही NGO के मामले में टेंडर प्रक्रिया के बाद जवाबदेही तय की जाएगी। डीआईजी मनीष कपूरिया ने बताया कि भिक्षुकों की काउंसलिंग कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। कई बार इनके कारण चौराहों पर अशोभनीय स्थिति बनती है। इनके पीछे जो माफिया हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में थानावार जवाबदेही तय की जा रही है।
यहां भारी संख्या में हैं भिक्षुक
वैसे शहर में लंबे समय से विभिन्न चौराहा, शास्त्री ब्रिज, राजबाडा, शॉपिंग मॉल्स के बाहर, धर्मस्थलों पर भिक्षुकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। चौराहों पर तो कई बार वाहन चालकों से इनका विवाद भी हुआ है। इनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हैं। पिछले महीने एक महिला को पांच बच्चों के साथ खजराना पुलिस ने मामला पकड़ा भी था। इसके अलावा नवरात्रि के दौरान भी धार्मिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर भिक्षावृत्ति देखी गई थी। इस लेकर हाल ही में शहर में भिक्षुक पुनर्वास केंद्र के लिए एक बड़ा फंड भी पारित हुआ है। यह मप्र का एकमात्र भिक्षुक केंद्र है जहां पुनर्वास होगा। ऐसे ही महिला एवं बाल विकास विभाग ने हाल ही में कैंप लगाए थे जिनमें 482 कुपोषित मामले सामने आए थे। इसे लेकर भी अब बड़े स्तर पर काम किया जाएगा ताकि कुपोषण पर भी पूरी तरह नियंत्रण हो।
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