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हैकर से परेशान उज्जैन की जेल, जांच शुरू:उज्जैन के जेलर संतोष लड़िया, डिप्टी जेलर सुरेश गोयल और सिपाही धर्मेंद्र नामदेव भोपाल तलब

 

केंद्रीय भैरवगढ़ जेल। - Dainik Bhaskar
केंद्रीय भैरवगढ़ जेल।
  • उज्जैन की केंद्रीय भैरवगढ़ जेल पहुंची राज्य साइबर सेल द्वारा गठित एसआईटी

उज्जैन की केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में बंद कैदी ने जेल अधिकारी व कर्मचारियों से मोबाइल और क्रेडिट कार्ड हैक कराने का संगीन आरोप लगाया है। इस आधार राज्य सायबर सेल ने एसआईटी गठित कर जांच शुरू कर दी है। एसआईटी की टीम ने यहां की तीन अधिकारी-कर्मचारी को भोपाल तलब किया था। तीनों को बुधवार को रिलीव कर दिया गया। उनसे आज एसआईटी ने पूछताछ की है।

धोखाधड़ी के मामले में भैरवगढ़ जेल में बंद महाराष्ट्र के अनंत अमर अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि वह आईआईटी पासआउट है और अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ होने के कारण अधिकारियों ने उससे आईपीएस, न्यायाधीश सहित अन्य लोगों के फोन हैक करवाए ओर डिजिटल धोखाधड़ी कराई। इसके लिए उसे जेल की ओर से लैपटॉप व मोबाइल फोन के साथ इंटरनेट की सुविधा भी दी गई थी।

राज्य साइबर सेल के एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि मामले में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। साथ ही एसआईटी का गठन कर जांच शुरू कर दी गई है। अभी तक किसी का भी नाम सामने नहीं आया है। पूरी जांच के बाद ही मामले में कार्रवाई करेंगे।

इधर, एसआईटी ने इस मामले में गुरुवार को जेलर संतोष लड़िया, डिप्टी जेलर सुरेश गोयल और सिपाही धर्मेंद्र नामदेव को पूछताछ के लिए भोपाल तलब किया कर पूछताछ की है। केंद्रीय जेल की अधीक्षक उषा राज ने बताया कि एसआईटी ने तीनों को भोपला बुलाया था, इसलिए हमने उन्हें बुधवार को ही रिलीव कर दिया है।

अमर की केस हिस्ट्री भी पूछी एसआईटी ने -

एसआईटी ने अनंत अमर अग्रवाल की केस हिस्ट्री भी जेल से मांगी है। इसमें पूछा गया है कि अमर जेल में रहने के दौरान पेशी पर कब-कब, कहां-कहां गया, उससे मिलने कौन-कौन आता था, उसक जेल में व्यवहार कैसा था और क्या कभी उसने जेल मैनुअल का उल्लंघन किया क्या? बताया जा रहा है कि इस संबंध में जेल की ओर से जानकारी एसआईटी को उपलब्ध करा दी गई है।

साइबर सेल को नहीं अमर की थ्योरी पर विश्वास -
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमर अग्रवाल की थ्योरी पर पुलिस और साइबर सेल को यकीन नहीं है। यह भी बताया जा रहा है कि उज्जैन की जेल से भोपाल जाने के लिए ही उसने यहां के अधिकारी-कर्मचारी पर मारपीट का आरोप लगाया था। इसके बाद कोर्ट ने उसे भोपाल जेल में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। इसके बाद उसे पिछले महीने से भोपाल जेल में शिफ्ट किया गया है।

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