पिछले महीने राशन दुकान की नियमित जांच नहीं करने के लिए रिश्वत लेते पकड़े गए खाद्य अधिकारी के बाद विभाग का एक और कारनामा सामने आया है। विभाग की टीम ने जिस कारोबारी के खिलाफ गंदगी में मिठाई बनाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई, उसे दो दिन बाद ही, उसी पते पर नया लाइसेंस जारी कर दिया गया। इस आधार पर कारोबारी ने जमानत भी ले ली। हद यह है कि वरिष्ठ अफसरों को इसकी भनक तक नहीं है।
30 अक्टूबर को खाद्य विभाग के अफसरों ने स्टार चौराहा स्थित जसपाल के ढाबा में स्थित मे. गर्ग मावा भंडार पर कार्रवाई करते हुए गंदगी के बीच बन रही 8 क्विंटल मिठाई जब्त की थी। संचालक राकेश गर्ग से पूछताछ में लाइसेंस भी नहीं मिला। खजराना थाने में आरोपी राकेश के खिलाफ धोखाधड़ी व एक अन्य धारा में एफआईआर दर्ज कराई गई।
एफआईआर में स्पष्ट तौर पर लिखा गया था कि आरोपी का यह कृत्य मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रतीत होता है। हालांकि इसके दो दिन बाद ही विभाग की सोच बदल गई और आरोपी को उसी पते पर नया फूड लाइसेंस जारी कर दिया, जबकि उस समय आरोपी फरार था। बस इस बार कलाकारी यह की गई कि उसी पते पर जसपाल का ढाबा के बजाय जगह का नाम सतपाल का ढाबा कर दिया गया। इस नाम का वहां कोई ढाबा है ही नहीं।
कब हुआ: 30 अक्टूबर को 8 क्विंटल मिठाई जब्त कर केस दर्ज कराया गया
कहां हुआ: स्टार चौराहा स्थित जसपाल का ढाबा में हुई थी कार्रवाई
कैसे हुआ: गंदगी में मिठाई बनाने को सेहत के लिए नुकसान दायक माना था
और असर: नया लाइसेंस जारी करते ही आरोपी को मिल गई जमानत
इसी को आधार बताते हुए ली जमानत
हाईकोर्ट में आरोपी ने नए लाइसेंस के आधार पर जमानत भी ले ली। कोर्ट में तर्क दिया गया कि अगर किसी प्रकार की गंदगी या अस्वच्छ परिस्थितियों में कारोबार कर आम जनता के साथ धोखाधड़ी की जा रही होती तो खाद्य विभाग अगले ही दिन आरोपी को खाद्य लाइसेंस क्यों जारी करता।
लाइसेंस देने की जल्दी इतनी कि नाम ही बदल दिया
नया लाइसेंस जारी करने का काम अफसरों ने इतनी जल्दबाजी में किया कि वे मौका मुआयना भी नहीं कर पाए। एक ही जगह पर नाम बदलकर लाइसेंस जारी कर दिया। जसपाल के ढाबे की जगह पर कार्रवाई की गई और लाइसेंस में पता सतपाल का ढाबा लिख दिया गया।
यह तो गलत हुआ है
मुझे इस कार्रवाई के बारे में पता है। लाइसेंस जारी करना गलत है। मैं फूड ऑफिसर से बात कर कार्रवाई करता हूं। -डॉ. बीएस सेत्या, एमएचओ
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