अब ज्वेलरी खरीदने वालों को इस पर ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है। दरअसल, जीएसटी फिटमेंट कमेटी ने सोना, चांदी और हीरे की ज्वेलरी पर जीएसटी की दर को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव किया है, अगर ऐसा हुआ तो अकेले इंदौर से होने वाले सालाना ज्वेलरी के लगभग ढाई हजार करोड़ के कारोबार पर 2 प्रतिशत जीएसटी बढ़ने के हिसाब से 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
अनुमान- अगले महीने लागू किया जा सकता है नया टैक्स स्लैब
सराफा व्यापारियों में जीएसटी की टैक्स स्लैब बदलने को लेकर काफी चर्चा हो रही है। आनंद ज्वेल्स के एमडी गौरव आनंद का कहना है जीएसटी का स्लैब 3 से बढ़कर 5 प्रतिशत होने से ग्राहकों को एक लाख की ज्वेलरी खरीदने पर 2 हजार तक टैक्स के रूप में ज्यादा देने होंगे। इसी महीने होने वाली बैठक में टैक्स स्लैब को लेकर चर्चा की जाएगी।
संभवत: अगले महीने लागू भी कर दिया जाए। ऐसे में जो लोग शादियों के लिए सोना खरीदने का मन बना रहे, उनके लिए यही सही मौका है। इसके पूर्व 2017 में जब जीएसटी लागू किया था, तब एक्साइज और वैट मिलाकर एक ही जीएसटी लागू कर दिया था।
अगर सोने, चांदी और हीरे की ज्वेलरी के कारोबार की बात करें तो पूरे मप्र में सालभर का साढ़े 7 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है। इसमें से अकेले इंदौर का ही सालभर कर ढाई हजार करोड़ का कारोबार होता है। इस पर 2 प्रतिशत जीएसटी बढ़ने से 50 करोड़ का भार ग्राहकों पर आएगा। ग्राहकों की ज्वेलरी खरीदी पर भी फर्क पड़ेगा।
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