IIT इंदौर ने मगलवार को 9वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। इस दीक्षांत समारोह में कुल 498 छात्रों ने डिग्री हासिल की, जो अब तक आईआईटी इंदौर से स्नातक करने वाले छात्रों की सबसे बड़ी संख्या है। इस आयोजन में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन मुख्य अतिथि के रूप में, प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे विशिष्ट अतिथि और बीओजी के अध्यक्ष प्रो. दीपक बी. फाटक ऑनलाइन रूप से इस समारोह में शामिल हुए।
आईआईटी इंदौर के डायरेक्टर (कार्यवाहक) प्रो. नीलेश जैन ने इस मौके पर कहा कि दीक्षांत समारोह में 498 छात्रों को डिग्री दी गई है। पिछले वर्ष 412 छात्रों को डिग्री दी थी। इस अनुसार यह सबसे बड़ी संख्या है। उन्होंने कहा कोविड के कारण केजी से लेकर पीजी तक और पीजी से लेकर पीएचडी तक हर कोई प्रभावित है। दो साल के बच्चे से लेकर जो पीएचडी कर रहा वह प्रभावित है। टीचिंग, लर्निंग, एडमिनिस्ट्रेशन और रिसर्च चारों चीजे प्रभावित हैं, लेकिन जहां चैलेंज है वहां अपॉर्च्युनिटी भी है, तो हमने हर चैलेंज को अपॉर्च्युनिटी में बदलना है। अगर ये चैलेंज नहीं आते तो हम ऑनलाइन की तरफ नहीं जाते है। आजकर केजी का बच्चा भी ऑनलाइन अटेंड करना जानता है। नेटवर्क इश्यु क्या है वह बता देता है। एक अवरनेस आए है लोगों में। एजुकेशन सेक्टर ऐसा है कि जहां छात्र पास-पास बैठते है, तो कोविड के फैलने की सबसे ज्यादा समस्या इसमें ही थी।
ग्लोबल पेंडेमिक हब तैयार करने वाले है
उन्होंने एक मैसेज देते हुए कहा कि हमने छात्रों को पढ़ाया हैं। वे अच्छे इंसान बने, जो करें अच्छे से करें। बहुत सारे तरीके है देश की सेवा करने के। आप जो भी करें उसमें इनोवेशन हो, रिसर्च हो और उसे डेडिकेशन से करें। वे बोले कोविड को लेकर वैक्सीन पर, प्रोटीन पर, डिवाइसेस पर काम किया। जो ड्रग्स डिस्कवरी है वह ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमारे यहां कोविड के अलावा बच्चों में होने वाले ब्लड कैंसर आदि पर यहां काम किया जा रहा है। यहां ग्लोबल पैंडामिंक हब तैयार करने वाले है। जिससे यूनाइटेड नेशन सहित अन्य एनजीओ से भी एमओयू हुआ है। पूरे पेंडेमिक में बैक्टीरिया वॉर में, वायरस वॉर या अन्य वॉर में उस पर काम करेंगे।
छात्र-छात्राओं को मिला स्वर्ण और रजत पदक
समारोह में गौरव अनिल खडसे ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। वहीं कस्तूरी अजीत शर्मा, श्रुति पराग लांडगे, चिन्मय हृषिकेश लोटे, सुरभि प्रवीण मोधे और आनंददेव मंगेश ने यूजी श्रेणी में संस्था का रजत पदक हासिल किया। जबकि विनय सिंह और रेनेश बाबू केपी ने पीजी श्रेणी में संस्थान का रजत पदक हासिल किया। वर्तिका पाठक को सर्वश्रेष्ठ बीटेक परियोजना का पुरस्काल मिला तो आरती सामल को बूटी फाउंडेशन का स्वर्ण पदक मिला। शेख नेमथ अहमद ने सभी स्नातक छात्रों केेे बीच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए संस्थान का रजत पदक हासिल किया।
कैसे अच्छा कर सकता हूं इस बारे में सोचा - गौरव
भारत के राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक हासिल करने वाले गौरव अनिल खडसे ने कहा कि आज खुशी का अवसर है। लेकिन मुझे लगता है कि यह एक दिन का रिजल्ट नहीं है। जो मैंने चार साल में हर दिन इस पर सोचा है कि मैं कैसे अच्छा कर सकता हूं, ये उसका नतीजा है। आईआईटी के लिए जो मैंने दो साल पढ़ा और इस मेडल के लिए मैंने जो चार साल पढ़ाई की उसमें काफी अंतर था। क्योंकि आईआईटी के वक्त थोड़े छोटे होते है, लेकिन जब आईआईटी में आया बातचीत में पता चला कि प्रोसेस पर फोकस करना ज्यादा जरुरी है। उन्होंने कहा कि आगे उनका एम्बीशन है कि उन्हें सीविल सरवेंट बनना है। वहीं श्रुति ने कहा कि इस इंस्टि्टयूट में काफी अच्छे शिक्षक मिले। हर पड़ाव पर उन्होंने मदद की है। मेडल पर उनका टारगेट नहीं था। उनका टारगेट सीखने पर था। मेडल मिलना बस मेहनत का फल है। उन्होंने कहा मेहनत करना चाहिए, चीजें अपने आप हो जाती है।
498 छात्रों ने प्राप्त की डिग्री
इस दीक्षांत समारोह में कुल 498 छात्र डिग्री प्राप्त किया जो अब तक आईआईटी इंदौर से स्नातक करने वाले छात्रों की सबसे बड़ी संख्या है। इसमें, 15 पीएचडी कार्यक्रमों के 109 छात्र शामिल हैं, 5 बीटेक कार्यक्रमों के 246 छात्र (स्नातक करने वाले बीटेक छात्रों की सबसे बड़ी संख्या, अब तक), एमटेक कार्यक्रमों के 41 छात्र; 3 एमएस (अनुसंधान) कार्यक्रमों के 19 छात्र; और 5 एमएससी कार्यक्रमों के 83 छात्र, शामिल हैं। इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमएस (रिसर्च) प्रोग्राम के पहले बैच के छात्र भी इस दीक्षांत समारोह में स्नातक प्राप्त किया।
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