दिवाली की रात राजधानी भोपाल, इंदौर समेत मध्यप्रदेश के 21 जिलों में 2 घंटे ही आतिशबाजी करने की परमिशन रहेगी। यहां रात 8 से 10 बजे के बीच सिर्फ ग्रीन पटाखे ही फोड़े जा सकेंगे। वहीं, ग्वालियर-सिंगरौली में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी रहेगी। 29 जिलों में जरूर पटाखे चलाने पर कोई रोक-टोक नहीं रहेगी। यही कहीं, आदेश का उल्लंघन हुआ तो धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। भोपाल में प्रशासनिक टीमें घूमकर नजर रखेगी। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने इस संबंध में 2 दिन पहले ही आदेश जारी कर दिए थे।
मप्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी प्रदेशभर के लिए गाइडलाइन जारी की है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेश के आधार पर दीपावली पर पटाखों की परमिशन के लिए 2020 के नवंबर महीने की हवा के औसत स्तर को आधार बनाया है। पिछले साल जिन शहरों में पटाखों के कारण प्रदूषण घातक स्तर पर पहुंच गया था, वहां इस बार नई गाइडलाइन जारी की गई है। भोपाल में दिवाली के अलावा गुरु पर्व और क्रिसमस को लेकर भी पटाखे चलाने का समय तय कर किया गया है।
भोपाल में यह गाइडलाइन
- दीपावली और गुरु पर्व पर आतिशबाजी रात 8 से 10 बजे तक की जा सकेगी।
- क्रिसमस की पूर्व संख्या पर रात 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखे चलाए जा सकेंगे।
- 31 दिसंबर-1 जनवरी की मध्यरात्रि यानी न्यू ईयर को भी रात 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखे चलाने की परमिशन रहेगी।
यह भी प्रतिबंध
- सिर्फ ग्रीन पटाखे या रिड्यूस्ड इमिशन यानी कम आवाज वाले पटाखों का ही निर्माण, भंडारण, परिवहन, बेचने और उपयोग किया जा सकेगा।
- लड़ी यानी जुड़े हुए पटाखे प्रतिबंधित रहेंगे।
- बेरियम साल्ट के उपयोग वाले पटाखे नहीं चला सकेंगे।
- पटाखे जिनकी तीव्रता विस्फोटक स्थल से 4 मीटर की दूरी पर 125 डेसीबल (ध्वनि माप) से अधिक हो, वे प्रतिबंधित रहेंगे।
- घोषित शांति क्षेत्र से 100 मीटर की दूरी तक पटाखे नहीं चलाए जा सकेंगे।
आदेश का उल्लंघन किया तो यह कार्रवाई
भोपाल में कलेक्टर का आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है। इसका उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
ये भी जान लीजिए
- जिन इलाकों में पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है, वहां भी 125 डेसीबल से अधिक आवाज वाले पटाखे नहीं फोड़ सकेंगे।
- अस्पताल, नर्सिंग होम, हेल्थ केयर सेंटर, शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक स्थलों से 100 मीटर तक पटाखों पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा।
- कम रोशनी, बिना धुएं और कम आवाज वाले पटाखे जैसे अनार, फुलझड़ी की अनुमति है।
इन 21 जिलों में 2 घंटे चलाने की छूट
भोपाल, कटनी, हरदा, धार, रतलाम, रायसेन, इंदौर, नीमच, उज्जैन, सागर, जबलपुर, होशंगाबाद, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दमोह, अनूपपुर, देवास, बुरहानपुर, बड़वानी और आलीराजपुर जिलों में रात 8 से 10 बजे के बीच ही ग्रीन पटाखे फोड़ सकेंगे। इन सभी शहरों में पिछले साल एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 100 से 200 के बीच था। ग्वालियर में एक्यूआई 248 और सिंगरौली 211 था, जो सांस लेने के लिए जोखिमपूर्ण यानी पुअर कैटेगरी में आता है।
29 जिलों में पटाखों पर छूट
विदिशा, खरगोन, सीहोर, छतरपुर, खंडवा, शिवपुरी, रीवा, सीधी, राजगढ़, बैतूल, सतना, पन्ना, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, शाजापुर, बालाघाट, निवाड़ी, गुना, झाबुआ, नरसिंहपुर, दतिया, मंडला, सिवनी, अशोकनगर, शहडोल, डिंडौरी, उमरिया, मंदसौर और आगर में पटाखों पर छूट रहेगी। पिछले साल दीपावली के महीने में यहां वायु गुणवत्ता संतोषजनक (100 एक्यूआई से कम) था। नवंबर 2020 के वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार 29 जिले संतोषजनक श्रेणी में हैं।
इन 2 जिलों में छूट नहीं
ग्वालियर और सिंगरौली ऐसे जिले हैं, जहां पर पटाखे चलाने पर प्रतिबंध रहेगा।
0 टिप्पणियाँ