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कृषि कानून वापस लेने पर MP के कृषि मंत्री बोले:हम किसानों को समझाने में असफल रहे, कमलनाथ ने कहा- अहंकारी सरकार को झुका दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि हम किसानों को समझाने में सफल नहीं हुए, इसलिए पीएम ने क्षमा मांगते हुए वापस लिए हैं। ताकि हमारे किसान भाई संतुष्ट रहे।

दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह किसानों के कड़े संघर्ष की जीत है। जिसने एक अहंकारी व जिद्दी सरकार को झुका दिया। जिन किसानों को बीजेपी के लोग इन कृषि कानूनों के विरोध करने के कारण कभी कांग्रेस समर्थक, कभी देशद्रोही, दलाल और आतंकवादी तक कहते थे, यह उन लोगों की हार है। वहीं ग्वालियर समेत प्रदेशभर में किसान संगठनों ने जश्न मनाया है।

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के लाभ बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। हमारी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने जितना किसानों के लिए किया है, आज तक उतना किसी ने नहीं किया है। देश में 80 फीसदी से ज्यादा किसान छोटे हैं। उनके लिए किसान सम्मान निधि है और मध्यप्रदेश में किसान कल्याण निधि भी है। प्रदेश के किसानों को हर साल 10 हजार रुपए मिल रहे हैं।

कमल पटेल ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में थे। बड़े पैमाने पर किसानों ने इसका समर्थन किया था। पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसानों को किसान संगठनों ने भड़काया। साथ ही लगातार आंदोलन करते रहे। हमने पीएम के नेतृत्व में किसानों को समझाने की लाख कोशिश की। हम उन्हें नहीं समझा पाए। इसलिए प्रधानमंत्री ने सबका साथ और सबका विकास की बात करते हुए कृषि कानूनों को वापस लिया है।

किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस ले सरकार
कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा- जनता यदि इसी प्रकार भाजपा को चुनावों में सबक सिखाती रही तो उसकी इसी प्रकार जीत होती रहेगी। अब मोदी सरकार को इन कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान देश भर में किसानों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लेना चाहिए। इस आंदोलन के दौरान 600 से अधिक किसानों की मौत हो गई। किसानों को इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान जमकर प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी किसानों के इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया और लड़ाई लड़ी। आखिर 1 वर्ष बाद ऐतिहासिक दिन गुरु नानक जी के प्रकाश पर्व के दिन मोदी सरकार ने इन काले कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, उसका हम स्वागत करते हैं।

दिग्विजय ने कहा- देर से आए, दुरुस्त आए..
पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर दी है। उन्होंने लिखा- मोदी जी को धन्यवाद। देर से आए दुरुस्त आए। जीत गया भाई जीत गया,किसान आंदोलन जीत गया।

पूर्व कृषि मंत्री बोले- किसानों से माफी मांगे सरकार
पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कृषि कानून वापस लेने के फैसला किसानों के संघर्ष की जीत है। किसानों को आतंकवादी तक करार दिया गया।सरकार को किसानों के अपमान के लिए माफी मांगनी चाहिए। यादव ने कहा जब तक सदन में कानून वापस नहीं होगा आन्दोलन जारी रहेगा।

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