मध्यप्रदेश में अब प्राइवेट स्कूल संचालक पूरी फीस ले सकेंगे। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने सोमवार को आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि 8 जुलाई 2021 में जारी आदेश रद्द हो गया है।
एसोसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल के उपाध्यक्ष विनी राज मोदी ने बताया कि आदेश जारी होने के बाद से स्कूल द्वारा पूरी फीस ली जा सकती है। सिर्फ मध्यप्रदेश में ही अब तक ट्यूशन फीस ली जा रही है, जबकि देशभर में प्राइवेट स्कूल पूरी फीस ले रहे हैं। नए आदेश के बाद फीस को लेकर भ्रम अब दूर हो गए हैं।
विनी राज मोदी ने बताया कि उच्च न्यायालय जबलपुर में चल रहे मामले में 9 नवंबर को कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए आदेशित किया था। कोर्ट ने कहा कि 3 मई 2021 को पारित आदेश की अनदेखी करते हुए 8 जुलाई 2021 को मध्यप्रदेश में सिर्फ शिक्षण शुल्क लिए जाने संबंधी आदेश जारी किया है। जवाब में सरकार ने उच्च न्यायालय में 12 नवंबर को हलफनामा दिया था कि वे 15 दिन के अंदर उचित कार्रवाई करेंगे।
उच्चतम न्यायालय ने कहा गया कि सत्र 20-21 के लिए निजी स्कूल कुल फीस का 85% ही ले सकेंगे, किंतु सत्र 21-22 के लिए सामान्य लागू फीस ली जाएगी। किन्तु मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा इन आदेशों के विपरीत 8 जुलाई 2021 को मध्यप्रदेश के निजी स्कूलों को सत्र 21-22 में भी केवल शिक्षण शुल्क ही लेने का आदेश जारी किया था।
इसके खिलाफ एसोसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल द्वारा न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इसके फलस्वरूप सरकार ने अपना आदेश वापस ले लिया है। सत्र 21-21 में लिए जाने वाले शुल्क को लेकर सभी भ्रम समाप्त हो गए हैं। निजी स्कूल सत्र 21-22 के लिए पहले से निर्धारित फीस ले सकता है।
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