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चोइथराम हॉस्पिटल में TOVAS की शुरुआत:बिना किसी बाहरी निशान व जबड़े को काटे बिना गले के कैंसर का कारगर इलाज

 

चोइथराम हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर में सिर और गर्दन के कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए ट्रांस ओरल-वीडियो असिस्टेंड सर्जरी (TOVAS) की शुरुआत की गई। मामला पुनासा के 65 वर्षीय बुजुर्ग का है। वह धूम्रपान का आदी था जिसके कारण उसके टांसिल व जीभ में कैंसर हो गया। इसका इलाज रोबोटिक सर्जरी से संभव था या फिर उसे रेडिएशन थैरेपी की जरूरत थी जो लाखों रु. का इलाज था। इस पर अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. समीर निवसरकर, डॉ. अपूर्व गर्ग व उनकी टीम ने TOVAS तकनीक से उसकी सर्जरी की। सर्जरी के बाद आई विकृति को खत्म करने के लिए मरीज के गाल से Fat Cells लेकर प्लास्टिक सर्जरी की गई।

डॉ. निवसरकर ने बताया कि सर्जरी के क्षेत्र में यह अत्याधुनिक प्रोसेस हैं जिसमें ओरोफेरिक्ंस, हाइपोफेरिंक्स (गला) व पेराफेरेंजियल स्पेस (गर्दन) के जटिल ट्यूमर को बिना किसी बाहरी निशान के मुंह से सर्जरी द्वारा निकाला जाता है। डॉ. अपूर्व गर्ग ने बताया कि टीम सालों से प्रदेश व आसपास के क्षेत्रों में मुंह, थायराइड व गले के कैंसर के मरीजों का इलाज कर रही है। अस्पताल का उद्देश्य कम लागत में विश्व स्तरीय उपचार प्रदान करना है ताकि उन्हें महंगे इलाज के लिए दूसरों शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़े। इसका मुख्य उपयोग गले के कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है और यह बिना किसी बाहरी निशान के जबड़े को काटे बिना किया जाता है। इस सर्जरी से मरीजों की रिकवरी तेजी से होती है और कुछ हफ्ते बाद मरीज सामान्य स्थिति में लौट जाता है। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. समीर दास, डॉ. गजेेंद्र पटेल व डॉ. सिद्रा खान भी शामिल थे।

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