बहुचर्चित भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में जिला न्यायालय के समीप बचाव पक्ष के गवाह द्वारा जिला कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए, जिसमें सेवादार प्रवीण ने कोर्ट के सामने कहा कि घटना के 1 माह पहले भी भय्यू महाराज अपने आप को गोली मारने की कोशिश कर चुके हैं। लेकिन सेवादार द्वारा वह बंदूक छुपा दी गई थी। जिसके बाद उनकी दूसरी पत्नी आयुषी द्वारा फोन पर बंदूक कहां छुपाई है। यह मुझसे जानकारी ली गई। जहां सेवादार प्रवीण घाडगे के आयुष को इस बात के लिए मना किया था कि यदि वह बंदूक महाराज को दे देंगे, तो वह कोई गलत कदम उठा सकते हैं। लेकिन आयुषी ने सेवादार को यह कहा था कि महाराज शहर से बाहर जाना है। उन्हें बंदूक की जरूरत है।
मंगलवार दोपहर विनायक और शरद के वकील धर्मेंद्र गुर्जर, आशीष चौरे व इमरान कुरैशी द्वारा तीनों बचाव पक्ष के गवाहों को जिला कोर्ट के सामने पेश किया गया जहां तीनों के बयान के आधार पर अब 5 तारीख को मामले में अंतिम बहस होना है। इंदौर जिला न्यायालय में लंबे समय से चल रहे भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में बचाव पक्ष की ओर से प्रवीण घाड़के (सेवादार), शशी देखमुख (ड्राइवर )व अन्य शरद सेवालकर ने अपने बयान कोर्ट के समक्ष दिए ।
भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को अपने आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। चैटिंग में 10 जून 2018 को महाराज के नींद की गोलियों का ज्यादा डोज लेने की बात सामने आई है। पलक ने पीयूष से कई बार गुजारिश की कि महाराज को कैसे भी करके बचा लो। उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। महाराज अपने आपे से बाहर हो रहे हैं।
आयुषी पर षड्यंत्र का आरोप
भय्यू महाराज सुसाइड केस में पुलिस ने पलक, महाराज के ड्राइवर शरद और कर्मचारी विनायक को गिरफ्तार किया था। तीनों पर महाराज को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। शरद और विनायक के वकील धर्मेंद्र गुर्जर का आरोप है कि आयुषी ही पूरे मामले में षड्यंत्रकारी है। इतने गंभीर केस में अब तक भय्यू महाराज के मोबाइल से कोई भी डाटा रिकॉर्ड नहीं हो पाया है। सीसीटीवी फुटेज भी अब तक उपलब्ध नहीं हुए हैं। अंतिम बहस अब 5 जनवरी को जिला कोर्ट में होगी।
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