आरटीओ के सात कर्मचारियोें पर सरकारी पैसों की हेराफेरा किए जाने, धोखा दिए जाने के आरोप में केस चलेगा। जिला व सत्र न्यायालय ने मंगलवार को संज्ञान लेते हुए कर्मचारियों के नाम प्रकरण में शामिल किए हैं। 2010-11 में तत्कालीन आरटीओ ने टैक्स चोरी पकड़ी थी। चेकिंग के दौरान कई वाहन चालकों के पास आरसी कार्ड मिला, लेकिन उनका टैक्स जमा नहीं हुआ था। स्मार्ट चिप जारी करने वाली कंपनी व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई थी।
शासन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता श्याम दांगी के मुताबिक कोर्ट ने रमन धुलधोए, चंद्रशेखर धुलधोए, सतीश यादव, आशा जाधव, श्याम नेकिए, आरडी केतकर और आलोक अष्ठाना को भी आरोपी बनाया है। इनमें से एकाध कर्मचारी रिटायर भी हो चुका है। टैक्स जमा होने के बाद फाइल इन कर्मचारियों के पास से गुजरती है। इन्हें बाकायदा फाइल अपलोड करने के लिए पासवर्ड भी दिया गया है, जिसे इनकी अनुमति के बिना खोला नहीं जा सकता था। टैक्स सरकारी कोष में जमा किए बगैर ही फाइल को आरसी कार्ड जारी करने के लिए मंजूर किया जा रहा था। 27 जनवरी को इन सभी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं। इन सभी के खिलाफ भी केस चलाया जाएगा।
जिनको आरोपी बनाया, उनमें चार अब इंदौर में ही पदस्थ
आरटीओ के जिन सात लोगों को आरोपी बनाया, उनमें चार इंदौर में ही पदस्थ हैं और रजिस्ट्रेशन का कामकाज देख रहे हैं। एक का तबादला हो गया जबकि एक रिटायर हो गया है।
फिलहाल कौन-कहां पर कर रहा नौकरी
आलोक अष्ठाना : इंदौर आरटीओ में पदस्थ। रजिस्ट्रेशन का कामकाज देख रहे।
सतीश यादव : इंदौर आरटीओ में पदस्थ। नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन का कामकाज देख रहे।
आशा जाधव : इंदौर में पदस्थ। पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन का कामकाज देख रही हैं।
श्याम नेकिए : इंदौर में ही पदस्थ। पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन का कामकाज देख रहे।
आरडी केतकर : अब रिटायर हो गए।
रमन धुलधोए : देवास में पदस्थ। वहां पर कर्मचारी है।
चंद्रशेखर धुलधोए : ऑफिस अधीक्षक पद से रिटायर हो गए थे। एक साल पहले उनका
निधन हो गया।
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