इंदौर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर श्री दिनेश कुमार पालीवाल के मार्गदर्शन में 11 दिसम्बर- 2021 (शनिवार) को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्राधिकरण के सचिव श्री मनीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 11 दिसम्बर- 2021 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में क्लेम प्रकरण, सिविल प्रकरण, विद्युत प्रकरण, धारा 138 चेक अनादरण प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, श्रम प्रकरण, राजीनामा योग्य दाण्डिक प्रकरण, भू-अर्जन, जलकर आदि के साथ प्री-लिटिगेशन मामलों को आपसी समझौते हेतु रखा जा रहा है।
नेशनल लोक अदालत में विद्युत मामलों में दी गई छूट का लाभ अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को प्राप्त हो सके इस हेतु विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए 11 दिसम्बर, 2021 को होने वाली नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलो वाट भारत के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भारत के औद्योगिक उपभोक्ताओं को निम्नानुसार छूट दी जायेगी।
1. प्री-लिटिगेशन स्तर परः- कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
2. लिटिगेशन स्तर परः- कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
विद्युत मामलों में उपरोक्तानुसार छूट निम्नलिखित नियम एवं शर्तों के तहत दी जायेगी :-
1. आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा।
2. उपभोक्ता/उपयोगकर्ता की विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा।
3. आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्क्षेदित संयोजनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।
4. नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जायेगी। विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किएउपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे।
5. सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जायेगी।
उक्त छूट मात्र नेशनल लोक अदालत 11 दिसम्बर, 2021 (शनिवार) में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जायेगी।
नेशनल लोक अदालत में नगर पालिका निगम/नगर पालिका परिषद/नगर परिषद के सम्पत्तिकर/जलकर के मामलों में दी गई छूट का लाभ अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को प्राप्त हो सके इस हेतु :-
1. सम्पत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपयें 50 हजार तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 100 प्रतिशत तक की छूट।
2. सम्पत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपयें 50 हजार से 01 लाख तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 50 प्रतिशत तक की छूट।
3. सम्पत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपयें 01 लाख से अधिक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 25 प्रतिशत तक की छूट।
4. जल उपभोक्ता प्रभार/जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपयें 10 हजार तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 100 प्रतिशत की छूट।
5. जल उपभोक्ता प्रभार/जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपयें 10 हजार से 50 हजार तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 75 प्रतिशत की छूट।
6. जल उपभोक्ता प्रभार/जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपयें 50 हजार से अधिक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 50 प्रतिशत की छूट।
7. सम्पत्तिकर/जलकर में यह छूट मात्र एक बार ही दी जायेगी।
8. उपरोक्त छूट वर्ष 2019-20 तक की बकाया राशि पर ही देय होगी।
9. उपभोक्ता को छूट उपरांत अधिकतम दो किश्तों में जमा करवाई जा सकेगी, जिसमें से कम से 50 प्रतिशत राशि लोक अदालत के दिन जमा करवाना अनिवार्य होगा।
10. उपरोक्त छूट वर्ष 2021 में आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के लिये ही मान्य होगी।
11. लोक अदालत में केाविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना तथा शासन के तत्संबंध में अन्य निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।
अतः समस्त पक्षकार एवं उनके अधिवक्ताओं से अपील की जाती हैं कि वे अपने प्रकरण अधिक से अधिक संख्या में निपटाकर लोक अदालत योजना का लाभ उठाये।
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