भोपाल में प्रिंटर से नकली नोट छापे जा रहे थे। नोट बनाने के लिए बाइडिंग पेपर का यूज करते थे। बाजार में ढाई लाख रुपए नोट खपा भी दिए गए। क्राइम ब्रांच ने नकली नोट बनाने वाले दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 12 लाख 17 हजार 500 रुपए, नोट बनाने का स्कैनर, प्रिंटर समेत अन्य सामान बरामद किया है।
गैंग का मास्टर माइंड निजी बैंक से लोन दिलाने का भी काम करता है। लोन में दस्तावेजों की कमी पूरी करने के लिए वह पुलिस, राजस्व अधिकारियों के फर्जी दस्तावेज बना देता है। उसके पास से परवलिया थाना, पटवारी, रजिस्ट्रार की फर्जी सील मिली हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। मामले में गिरफ्तार एक आरोपी को वर्ष 2019 में नकली नोट छापने के आरोप में पकड़ा जा चुका है।
एएसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि सूचना मिली कि एक युवक मोटरसाइकिल से श्यामपुर से भोपाल आ रहा है। उसके बैग में नकली नोट हैं। पुलिस ने उसे मुबारपुर परवलिया के पास रोककर तलाशी ली। उसके बैग में बड़ी मात्रा में 500-500 रुपए के नकली नोट मिले। उसने अपनी पहचान श्यामपुर जिला सीहोर निवासी सतीश शंकवार पिता गनपतलाल शंकवार(26) के रूप में बताई। उसने पूछताछ में बताया कि मूलत: देवास के रहने वाले अपने साथी रूद्र उर्फ राजवीर चौहान (32) के प्रिंटर से नकली नोट बनाता है। पुलिस ने रुद्र को छोला मंदिर भोपाल से उसके कमरे से पकड़ा। उसके पास से पुलिस ने 500-500 रुपए के 135 नकली नोट बरामद किए।
ऐसे बनाए नकली नोट
एएसपी अंकित ने बताया कि आरोपी नकली नोट बनाने के लिए बाइडिंग पेपर का उपयोग करते हैं। इस पेपर से नोट की क्वालिटी अच्छी आती है। असली नोट को स्कैनर से स्कैन कर उसी तरह का नकली नोट प्रिंट कर लेते हैं। इसके बाद बाजार में खपा देते हैं। वर्ष 2019 में रुद्र उर्फ राजवीर को इंदौर एसटीएफ ने नकली नोट बनाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल में उसकी मुलाकात सतीश शंकवार से हुई। सतीश बलात्कार के आरोप में जेल में बंद था।
लोन दिलाने का काम शुरू किया
आरोपी ने रुद्र जेल से छूटने के बाद निजी बैंक से लोन दिलाने का काम शुरू किया। क्लाइंट के पास दस्तावेज कम होने पर आरोपी उनके फर्जी दस्तावेज बना देता था। इसके लिए आरोपी थाना परवलिया, लांबाखेड़ा पटवारी, रजिस्ट्रार के फर्जी सील बना रखा था। उसके पास से पुलिस को दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
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