जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के कथित खराब व्यवहार को लेकर वकील 14 दिन से पैरवी नहीं कर रहे, लेकिन इसका कोर्ट की कार्रवाई पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। वकील भले ही न्यायाधीशों के कक्ष में पैरवी करने नहीं गए, लेकिन न्यायाधीशों ने पक्षकारों को सुनकर इस अवधि में कुल 215 प्रकरणों का निराकरण कर दिया।
अपर सत्र न्यायाधीशों ने पक्षकारों को सुनकर फटाफट आदेश पारित कर दिए, वहीं वकीलों का सब्र भी जवाब देने लगा है। जिला कोर्ट में बाकायदा वकील आकर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और गवाहों के बयान भी दर्ज करा रहे हैं। इंदौर अभिभाषक संघ ने दो न्यायाधीशों को हटाए जाने को लेकर काम से अलग रहने का निर्णय लिया है।
इसके पहले दिन से ही न्यायाधीश प्रकरणों को सुन रहे हैं। गवाहों के नहीं आने पर वारंट जारी किए जा रहे हैं। लगभग हर कोर्ट में इस अवधि में प्रकरणों का निपटारा हुआ है। वकीलों के पैरवी करने के दौरान भी कमोबेश इतने ही प्रकरणों का निराकरण होता था।
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