कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़नेे से शहर का रिप्रोडक्टिव रेट यानी आर-वैल्यू एक से ऊपर पहुंच गया है। सात दिनों में यह 1.1 तक रहा है। आर वैल्यू एक से नीचे होने पर माना जाता है कि संक्रमण नियंत्रण में है। एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल) के पूर्वानुमान के अनुसार, दिसंबर के अंतिम सप्ताह से जनवरी के पहले पखवाड़े में शहर में रोज 15 से 20 कोरोना मरीज मिल सकते हैं।
वर्तमान में औसत एक सेे दस मरीज मिल रहे हैं। 16 नवंबर से 5 दिसंबर तक आर-वैल्यू 0.58 थी। संक्रमण जब ज्यादा था तब जिले का रिप्रोडक्टिव रेट 3.8 तक पहुंच गया था। अनुमान के अनुसार शहर में फरवरी तक हल्की तीसरी लहर आ सकती है।
गौरतलब है कि अब तक कोरोना संक्रमण के एक लाख 53 हजार 492 मरीज मिल चुके हैं। वर्तमान में सिर्फ दिसंबर के 21 दिनों में ही 140 केस सामने आ चुके हैं। यानी औसतन 6 से 7 मरीज रोज मिले हैं। इस माह एक भी दिन ऐसा नहीं गया, जब शून्य मरीज आए हों। दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है।
क्या होती है आर-वैल्यू
यह संख्या वायरस के फैलने की क्षमता को बताती है। इससे पता चलता है कि एक व्यक्ति से कितने लोगों के संक्रमित होने की आशंका है। महामारी के खत्म या नियंत्रित होने के लिए आर-वैल्यू एक सेे नीचे रखना जरूरी होता है। जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल्स की रिपोर्ट नहीं मिली।
उधर, ओमिक्रॉन के संदेह में जो सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजे गए हैं, उनकी रिपोर्ट बुधवार को भी नहीं मिली है। दिसंबर 2020 से अब तक एक हजार 60 केस जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जा चुके हैं। 13 दिसंबर को 27 सैंपल भेजे गए थे, इनमें दो की विदेश की हिस्ट्री थी। 960 की रिपोर्ट मिल चुकी है। 100 से ज्यादा की रिपोर्ट पेंडिंग है। डेल्टा प्लस का जुलाई में एक केस मिला था। एवाय.4 वैरिएंट के कुल 9, डेल्टा के चार केस मिले थे।
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