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पुण्य पर्व वाला सप्ताह:16 को धनु संक्रांति के साथ शुरू होगा खरमास; 18 को दत्तात्रेय जयंती और 19 को अगहन महीने की पूर्णिमा

 

इस हफ्ते गुरुवार को सूर्य का राशि परिवर्तन होगा। ग्रंथों में इसे धनु संक्रांति कहा गया है। इस पर्व पर सूर्य पूजा के साथ ही तीर्थ स्नान और दान की परंपरा है। सूर्य के धनु राशि में आ जाने पर इस दिन से खरमास शुरू हो जाएगा। इसे धनुर्मास भी कहा जाता है। इस एक महीने में मांगलिक कामों की मनाही रहती है। इसके बाद पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय का प्राकट्य दिवस मनाया जाएगा। साथ ही अगहन पूर्णिमा के बाद पौष महीना शुरू हो जाएगा।

दो दिन रहेगी पूर्णिमा 
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस सप्ताह के आखिरी में भगवान दत्तात्रेय का प्राकट्य दिवस मनाया जाएगा। शनिवार को सूर्योदय के बाद पूर्णिमा तिथि शुरू होगी जो कि रविवार को सुबह तकरीबन 10 बजे तक रहेगी। इसलिए दत्त जयंती 18 को और स्नान-दान का पर्व कहलाने वाली अगहन पूर्णिमा 19 दिसंबर को मनाई जाएगी।

धनु संक्रांति (16 दिसंबर, गुरुवार): इस दिन सूर्य के धनु राशि में आने से संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। उगते हुए सूरज को जल चढ़ाकर पूजा की जाएगी। इस पर्व पर किए गए स्नान-दान का कई गुना पुण्य फल मिलता है। ग्रंथों के मुताबिक इस दिन किए गए श्राद्ध से पितरों को संतुष्टि मिलती है।

दत्तात्रेय जयंती (18 दिसंबर, शनिवार): अगहन महीने की पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय के बाद पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होने से शनिवार को दत्तात्रेय जयंती पर्व मनाया जाएगा। भगवान दत्तात्रेय में त्रिदेवों का अंश है। इसलिए इनकी पूजा से भगवान विष्णु, शिवजी और ब्रह्माजी भी प्रसन्न होते हैं।

अगहन पूर्णिमा (19 दिसंबर, रविवार): इस दिन अगहन महीने के शुक्लपक्ष का आखिरी दिन रहेगा। सूर्योदय के वक्त पूर्णिमा तिथि होने से इसी दिन स्नान-दान और पितरों के लिए श्राद्ध किया जाएगा। स्कंद और पद्म पुराण में कहा गया है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किए गए तीर्थ स्नान, दान और पितृ कर्म से मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता है।

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