निजी हॉस्पिटल संचालक के साथ ‘सिम स्वेपिंग’ कर 20 लाख की धोखाधड़ी हाे गई। सायबर क्रिमिनल्स ने संचालक की मोबाइल सिम को दो बार बंद करवाया और ओटीपी शेयरिंग कर दो दिन के भीतर यह रकम खाते से निकाल ली। शहर में ‘सिम स्वेपिंग’ कर इतनी बड़ी राशि की धोखाधड़ी का ये पहला मामला सामने आया है।
सायबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह के मुताबिक वारदात गोकुलदास हॉस्पिटल के संचालक के साथ हुई है। 12 से 14 दिसंबर के बीच संचालक के इंडसंड बैंक के करंट अकाउंट से 10 बार ट्रांजेक्शन कर कुल 20 लाख रुपए निकाले गए हैं। अकाउंट उनके भतीजे तन्नू अग्रवाल के नाम पर है।
क्या है ‘सिम स्वेपिंग’
अपराधी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर की मदद से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की दूसरी सिम निकलवा लेते हैं। यानी आपके नंबर का एक्सेस उनके पास पहुंच जाता है। उसके बाद उन्हें आपके फोन के यूआरएन, ओटीपी मिलते रहते हैं। ऐसे में वो बैंक से जुड़ा ट्रांजेक्शन कर लेते हैं।
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