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शहर की तैयारी:कोरोना के नए वैरिएंट से मुकाबले के लिए सतर्क इंदौर, जितने मास्क-सैनिटाजइर 3 माह में नहीं बिके, उतने 10 दिनों में बिक गए

 

केस घटने के कारण लगभग शून्य पर पहुंच गई थी कोराेना से बचाव के साधनों की खपत। - Dainik Bhaskar
केस घटने के कारण लगभग शून्य पर पहुंच गई थी कोराेना से बचाव के साधनों की खपत।

कोरोना का नया वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ सामने आने के बाद लोगों ने सतर्कता बढ़ा दी है। दवा बाजार से हर दिन ढाई लाख रुपए से ज्यादा के मास्क, सैनिटाइजर की बिक्री हो रही है। बीते 10 दिनों में 25 लाख से ज्यादा का कारोबार हुआ है। व्यापारियों का कहना है कि पहले इतना कारोबार तीन माह में भी नहीं हाे रहा था।

शहर के लिहाज से यह अच्छा संकेत है। दि केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के अनुसार मास्क-सैनिटाइजर, कैप और ग्लव्स की बिक्री लगातार बढ़ी है, यह आगे और बढ़ेगी। कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए हमारी तैयारियां भी पूरी है। इस बारे में जल्द ही दवा बाजार एसोसिएशन की बैठक भी करेंगे।

  • 25 लाख रुपए की बिक्री पिछले 10 दिनों में
  • 2.5 लाख रुपए हर दिन का मास्क-सैनिटाइजर का कारोबार
  • 150 से ज्यादा व्यवसायी मास्क-सैनिटाइजर के
  • 700 से ज्यादा दुकानें दवा बाजार में

कोरोना की पहली लहर में हर दिन 20-25 लाख रु. की बिक्री होती थी

दवा बाजार के व्यवसायी धर्मेंद्र कोठारी के अनुसार 2020 में कोरोना की पहली लहर के दौरान हर दिन औसत 25 लाख रुपए रोज के मास्क-सैनिटाइजर की बिक्री होती थी। अभी बिक्री फिर से बढ़ी है। बीते तीन महीने से बिक्री न के बराबर थी। पिछले तीन महीने में जितने मास्क-सैनिटाइजर नहीं बिके, उतने 10 दिनों में बिक गए।

400 से ज्यादा ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीन का भी स्टॉक तैयार

दूसरी लहर के बाद से ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीन की डिमांड एकदम से बढ़ी थी। उस समय मशीनों की सप्लाय भी काफी कम हो रही थी, ऐसे में दूसरी लहर के बाद से लगातार मशीनें व्यापारियों ने बुलवाई। अभी 400 से ज्यादा मशीनों का स्टॉक है।

इंदौर में औसत 6 से 8 ही मरीज, 92% टीकाकरण

शहर में अभी कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। रोजाना औसत 6-8 मरीज ही आ रहे हैं। अच्छी बात यह कि 92% लोगों को वैक्सीन का सेकंड डोज भी लग गया है।

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