सविद नगर में संचालित हो रही एक एडवाइजरी कंपनी पर पुलिस ने दबिश दी। जैसे ही टीम पहुंची तो कंपनी के कर्ताधर्ता रजिस्टर्ड दस्तावेज दिखाने लगे और बोले कि यहां कोई गड़बड़ नहीं चल रही है। पुलिस ने वहां मौजूद 15 कर्मचारियों से अलग-अलग पूछताछ की तो खुलासा हुआ ये बदमाश तीन फर्जी कंपनियों में पैसा डलवाकर लोगों को ठग रहे हैं। 25 करोड़ से ज्यादा की ठगी विदेशियों से की है। तीन आरोपियों पर केस दर्ज किया है। शेष 12 कर्मचारियों को हिरासत में लिया।
तिलक नगर टीआई मंजू यादव ने बताया टीम ने 65/2 संविद नगर में दूसरी मंजिल पर संचालित कैपिटल ब्राइड कंपनी पर दबिश देकर संचालक अजय पिता राजूप्रसाद निवासी सिंगापुर टाउनशिप, नीरज पिता जयकुमार निवासी प्रशांत सागर अपार्टमेंट कनाड़िया रोड और गौतम पिता दिलीप कुमार निवासी श्रीजी वैली बिचौली हप्सी के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। कंपनी में ही काम कर रही 1 युवती सहित 12 कर्मचारियों से भी थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। फर्जी कंपनी संचालित करने वाले पटना और भिंड के हैं।
कर्मचारियों को नंबर देकर शेयर बाजार में निवेश करवाने के नाम पर करा रहे थे ठगी
पहले आरोपियों ने सेबी में रजिस्टर्ड कंपनी के दस्तावेज दिखाकर टीम को लौटाने की कोशिश की। लेकिन पुलिस को पता था कि कंपनी फर्जी है, इसलिए कर्मचारियों को सीबीआई की तरह अलग-अलग कैबिन में ले जाकर पूछताछ की। इसमें खुलासा हुआ कि आरोपियों ने तीन और फर्जी कंपनी स्काई लाइट, फिनटेक और वन स्टॉप खोली हैं।
कर्मचारियों को तीनों संचालक रोजाना सैकड़ों नंबर देकर लोगों को झांसे में लेने का कहते थे। ये शेयर बाजार में मोटे मुनाफा का लालच देकर तीनों फर्जी कंपनियों के अकाउंट में पैसा डलवाते थे। अभी तक जांच में बिहार के शाह वस्तुवाल से 15 लाख और निहार मेहता नामक व्यक्ति से 55 हजार की ठगी की जानकारी मिली है। इसके अलावा फिनलैंड व अन्य देशों के लोगों से भी राशि अकाउंट में डलवाई।
पहले विजय नगर में थी कंपनी, छापे के बाद संविद नगर में खोली
कैपिटल ब्राइड कंपनी नीरज के नाम पर है, जो मूल रूप से भिंड का रहने वाला है। उसके दोस्त गौतम और अजय पटना निवासी हैं। ये तीनों पहले विजय नगर में एडवाइजरी चलाते थे। जब यहां लगातार छापे पड़े तो बदमाशों ने संविद नगर में कंपनी खोल ली। अजय पूरा मैनेजमेंट संभालता। उसके 5 अकाउंट मिले हैं। वह अपने भाई के अकाउंट में भी पैसे डलवाता था। जब निकालना होते तो भाई पैसे लाकर देता था। कंपनियों के 10 से ज्यादा अकाउंट मिले हैं।
विदेशी करेंसी भी खातों में जमा कराई, फेमा में केस दर्ज होगा
कुछ समय पहले पुलिस ने एडवाइजरी कंपनी में दबिश दी थी। इसमें अजय कुमार पकड़ाया था। छूटने के बाद उसने खुद की एडवाइजरी कंपनी डाल ली। इसमें गौतम और नीरज को भी शामिल कर लिया। तीनों यहां सालों से जमे हैं। एएसपी राजेश रघुवंशी के अनुसार जांच में खुलासा हुआ है।
आरोपियों ने अब तक विदेश से 25 करोड़ रुपए बुलाए हैं, इसकी जानकारी संबंधित विभाग को नहीं दी है। आरोपी अजय ने अपने भाई के नाम से एक और कंपनी बिहार में खोल रखी है। जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ फेमा एक्ट में भी केस दर्ज होगा।
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