ये वही कान्ह -सरस्वती नदी है, मई-2021 में जिनके स्वच्छ पानी में जीवन खिल उठा था। साफ पानी में मछलियां पनपने लगी थीं। ये वही नदी है, जिसके साफ पानी की बदौलत अगस्त-2021 में शहर देश की पहली वाटर प्लस सिटी बना था। और आज यह तस्वीर। वाटर प्लस के ताज के महज चार माह में ही नदी में फिर गंदा पानी बहने लगा है। और इसका कारण है बारिश का पानी निकालने के लिए 250 स्थानों पर नाला टैपिंग को फोड़ देना।
तीन साल प्रयास, 570 करोड़ खर्च, तब साफ हुई थी नदी
134 किमी लंबी दो नदियां सरस्वती और कान्ह रातोरात साफ नहीं हुई थी। नगर निगम ने तीन साल लगातार प्रयास किए। 550 करोड़ खर्च किए, तब 27 नालों की गंदगी इसमें मिलने से रोकी थी। जनता ने खुद 20 करोड़ खर्च कर अपनी ड्रेनेज लाइनों के मुंह मोड़े थे।
दोबारा सुधार में जुटे, लेकिन बेहद धीमी गति से
अपर आयुक्त संदीप सोनी ने माना कि साउथ तोड़ा पर रिवर साइड रोड के कारण एक आउटफॉल खोलना पड़ा है, इसके सीवर के कारण नदी में गंदा पानी आया है। इसे सुधारने का काम चल रहा है। 250 से ज्यादा स्थानों पर नाला टैपिंग फूट गई थी, जिसे सुधारने का काम लगातार चल रहा है। 225 स्थानों पर रिपेयर भी कर लिया है।
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