बंगाली चौराहे पर तैयार किए जा रहे फ्लायओवर में अब बीच के दोनों पिलर खड़े हो गए हैं। इन्हें पूरी तरह से तैयार किए जाने में करीब 4 माह और लगेंगे। अप्रैल अंत तक यह शुरू हो सकता है। पीडब्ल्यूडी के ईई गिरजेश शर्मा ने बताया कि पूर्व में बीच के हिस्से में बीम डालकर गार्डर डाल रहे थे। उसके कारण नीचे के हिस्से में वाहनों को गुजरने में जगह कम मिल रही थी। इसके बाद आईआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक बीच के हिस्से में बनाए गए दोनों पिलर को तीन-तीन मीटर अंदर किया गया है।
इसके चलते बीच के हिस्से की डिजाइन बदली और फिर सॉलिड स्लैब डालकर काम किया जाएगा। इससे बीच के हिस्से में से वाहनों को गुजरने के लिए 6 मीटर से ज्यादा जगह मिलेगी। दोनों पिलर के कैप डाले जाने का काम लगभग एक महीने में पूरा होगा। उसके बाद उनकी कॉन्क्रीटिंग होगी। इसे पूरी तरह तैयार होने में एक माह लगेगा। एक-एक हिस्से के ट्रैफिक को डायवर्ट करने के बाद काम किया जाएगा। स्लैब डलने के बाद लाइटिंग और कलरिंग में 15 दिन लगेंगे।
बंगाली चौराहे पर तैयार किए जा रहे फ्लायओवर में अब बीच के दोनों पिलर खड़े हो गए हैं। इन्हें पूरी तरह से तैयार किए जाने में करीब 4 माह और लगेंगे। अप्रैल अंत तक यह शुरू हो सकता है। पीडब्ल्यूडी के ईई गिरजेश शर्मा ने बताया कि पूर्व में बीच के हिस्से में बीम डालकर गार्डर डाल रहे थे। उसके कारण नीचे के हिस्से में वाहनों को गुजरने में जगह कम मिल रही थी। इसके बाद आईआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक बीच के हिस्से में बनाए गए दोनों पिलर को तीन-तीन मीटर अंदर किया गया है।
इसके चलते बीच के हिस्से की डिजाइन बदली और फिर सॉलिड स्लैब डालकर काम किया जाएगा। इससे बीच के हिस्से में से वाहनों को गुजरने के लिए 6 मीटर से ज्यादा जगह मिलेगी। दोनों पिलर के कैप डाले जाने का काम लगभग एक महीने में पूरा होगा। उसके बाद उनकी कॉन्क्रीटिंग होगी। इसे पूरी तरह तैयार होने में एक माह लगेगा। एक-एक हिस्से के ट्रैफिक को डायवर्ट करने के बाद काम किया जाएगा। स्लैब डलने के बाद लाइटिंग और कलरिंग में 15 दिन लगेंगे।
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