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हमारे 525 करोड़ डूबने से बचा लो:इंदौर की रेल परियोजनाओं के लिए फंड खातों में सड़ रहा, काम शुरू कराने को तैयार नहीं अफसर

इंदौर से जुड़े दो बड़े रेल प्रोजेक्ट के लिए 5 महीने पहले अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया गया था। बावजूद इन पर अभी तक काम शुरू ही नहीं हो पाया है। इंदौर-दाहोद नई लाइन और महू-रतलाम-आकोला गेज कन्वर्जन के लिए 525 करोड़ (बजट में 370 करोड़ व अतिरिक्त बजट में 155 करोड़) मिले, लेकिन दोनों ही प्रोजेक्ट में सालभर से काम बंद पड़ा है।

गुरुवार को रेलवे बोर्ड ने दाहोद प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की चिट्‌ठीभर जारी की है। हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि यदि रेलवे अभी टेंडर आदि की प्रक्रिया करता है तो भी काम शुरू होने में 3 माह लग जाएंगे। उसके पहले नया बजट आ जाएगा। यदि राशि इस्तेमाल नहीं हुई तो डूब जाएगी।

  • 178 करोड़: इंदौर-उज्जैन दोहरीकरण के लिए अतिरिक्त मिले। बजट में महज हजार रु. मिले थे।
  • 70 करोड़: इंदौर-दाहोद लाइन को बजट में 20 करोड़ मिले थे। 70 करोड़ बाद में मिले।
  • 85 करोड़ : महू-खंडवा गेज कन्वर्जन के लिए अतिरिक्त मिले। बजट में 350 करोड़ मिले थे।

इंदौर- दाहोद: काम बंद- आधी टनल बनाकर छोड़ी

  • प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ: 2008 में। तीन साल में काम पूरा होने का लक्ष्य था।
  • वर्तमान स्थिति: टिही तक काम पूरा हो गया। टिही के आगे तीन किमी में से टनल का काम आधा हुआ। प्रोजेक्ट बंद कर दिया गया।
  • कुल: 200 किमी के प्रोजेक्ट में इंदौर से टिही तक 22 किमी में काम हुआ। दाहोद से कटवाड़ा के बीच 15 किमी, इस तरह 37 किमी में काम हुआ, वो भी आधा-अधूरा।
  • लागत: 640 से 1800 करोड़ पर पहुंची।

महू-खंडवा गेज कन्वर्जन- महत्वपूर्ण हिस्से का सर्वे ही नहीं हुआ

  • प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ: 2008 में।
  • लागत: 440 करोड़, स्वीकृति के समय।
  • वर्तमान लागत: 1400 करोड़ से ज्यादा
  • वर्तमान स्थिति: इस प्रोजेक्ट में सबसे महत्वपूर्ण है महू के आगे घाट सेक्शन का हिस्सा, इसका फायनल सर्वे ही चल रहा। इसके बाद नए अलाइनमेंट (1:150) के लिए रेलवे बोर्ड स्वीकृति के लिए जाएगा। नए सिरे से जमीन अधिग्रहण होगा। प्रोजेक्ट में आकोट से अमलापुर के बीच भी काम चल रहा है।

इंदौर-देवास-उज्जैन डबलिंग- काम चल रहा, लेकिन गति धीमी

इंदौर-देवास-उज्जैन दोहरीकरण के लिए बजट में महज हजार रुपए मिले थे। अतिरिक्त बजट में 178 करोड़ रुपए जारी किए गए। इस प्रोजेक्ट में काम चल रहा है लेकिन रेलवे एक्सपर्ट का कहना है कि काम की गति काफी धीमी है। सबसे खास बात इंदौर से देवास के बीच रेल लाइन पर 140 प्रतिशत दबाव था, लेकिन रेलवे ने इंदौर-देवास के बीच पहले काम शुरू नहीं करते हुए उज्जैन-देवास के बीच काम शुरू किया। यह भी सवालों के घेरे में है।

एक्सपर्ट- रेल अफसरों का रवैया समझ से परे

रेलवे पैसेंजर एमीनिटीज कमेटी के पूर्व सदस्य नागेश नामजोशी का कहना है, इंदौर से जुड़े रेल प्रोजेक्ट को अच्छा फंड मिला, लेकिन पता नहीं अधिकारियों का रवैया ऐसा क्यों है? महू-खंडवा-आकोला में अभी फायनल सर्वे रेलवे बोर्ड के पास जाएगा। मंजूरी के बाद जमीन अिधग्रहण होगा। वन विभाग की जमीन है, अधिग्रहण आसान नहीं है। दाहोद प्रोजेक्ट में काम बंद कर बैठे हैं। जिस गति से काम हो रहे हैं, अगले 10 साल में भी पूरे नहीं होंगे।

सीधी बात- सीएओसी आरके यादव, मुंबई से

सीएओसी ने दिया सरकारी जवाब, प्रोजेक्ट को दिखवाएंगे

अच्छी राशि मिलने के बाद भी काम क्यों बंद हैै?
इस मामले में दिखवाएंगे कि क्या स्थिति है, रेलवे अधिकारियों से भी चर्चा करेंगे।

इंदौर-दाहोद पर लंबे समय से काम बंद है?
इंदौर-दाहोद लाइन पर दोबारा काम शुरू होगा। रेलवे बोर्ड ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

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