20 माह के इंतजार के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को तीन चरणों में पंचायत चुनावों की घोषणा कर दी। इसमें शहरी क्षेत्र मुक्त रहेंगे। इंदौर जिले में पहले चरण में चुनाव होंगे और 6 जनवरी को वोटिंग होगी। पंच व सरपंच के वोटों की गणना 10 जनवरी को होगी। हालांकि इसके परिणाम की औपचारिक घोषणा 23 फरवरी को होगी।
जिले में चुनाव के लिए कुल 6,66,984 वोटर्स हैं। इसमें 3,40,909 पुरुष तथा 3,26,059 महिलाएं हैं। जनपद और जिला पंचायत सदस्यों का चुुनाव EVM से और पंच-सरपंच का चुनाव बैलेट (मतपत्र) से होगा। 13 दिसम्बर से निर्वाचन सूचना का प्रकरण व नामांकन शुरू हो जाएंगे। 20 दिसम्बर को नाम वापसी होगी। पंच, सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के लिए एक ही बार वोटिंग होगी। यानी एक वोटर चार वोट डालेगा। मतदान सुुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक होगा। मतदान के लिए 23 पहचान पत्र रहेंगे जिनमें से कोई एक पहचान पत्र लाना जरूरी होगा। पंच और सरपंच की वोटिंग के बाद मतदान केंद्र पर वोटों की गणना तुरंत शुरू होगी। जनपद और जिला पंचायत के वोटों की गिनी विकासखण्ड व जिला मुख्यालय स्तर पर होगी।
चुनाव लड़ने के लिए पहले जिला पंचायत सदस्य के लिए सिक्युरिटी राशि 8 हजार रु., जनपद पंचायत के लिए 4 हजार रु., सरपंच के लिए 2 हजार रु. और पंच के लिए 400 रु. जमा करना होगी। नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवार के साथ सिर्फ दो लोग ही रिटर्निंग ऑफिसर के रूम में जा सकेंगे। वाहनों की संख्या भी दो से ज्यादा नहीं होगी।
इंदौर जिले में चार जनपद पंचायत देपालपुर, सांवेर, महू व इंदौर है। इनमें देपालपुर में 100, सांवेर में 75, महू में 73 और इंदौर में 64 ग्राम पंचायतों सहित कुल 312 हैं। इन चारों के लिए कुल 1221 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। दरअसल पंचायत संशोधन के तहत 59 पंचायतें बढ़ाई गई थी लेकिन अब पूर्ववत स्थिति करने से ये पंचायतें निरस्त हो गई है और अब फिर से 312 पंचायतें ही रह गई है।
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