मास्टर प्लान में शामिल किए जा रहे 79 गांवों को लेकर जो 400 से ज्यादा आपत्तियां आई हैं उनकी अब भौतिक रूप से भी जांच की जा रही है। जिन लोगों ने नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमतियां ली हैं, उसके बाद उन्होंने मौके पर निर्माण किया है या नहीं? इसकी जांच की जा रही है। अनुमति लेने के बाद काम नहीं करने, केवल कागजों में ही पुराना निर्माण होना बताकर भी आपत्तियां दर्ज कराई गई थीं। वास्तव में जमीन पर निर्माण है या नहीं? इसे देखा जा रहा है।
गत 22 नवंबर को टीएंडसीपी ने 79 गांव शामिल करने पर आए दावे, आपत्तियों की सुनवाई की थी। इनका निराकरण करने से पहले जमीनी हकीकत पता की जा रही है। संयुक्त संचालक एसके मुदगल के मुताबिक जिन लोगों ने अपनी जमीनों के ले आउट प्लान पूर्व में मंजूर कराए हैं, जिन्होंने पुरानी बसाहट होना बताकर आपत्ति दर्ज कराई हैं उन्हेें देखा जा रहा है। 79 गांव शामिल होने के बाद निवेश क्षेत्र का दायरा 88 हजार 630 हेक्टेयर के करीब हो जाएगा।
कर्मचारी से विवाद की करेंगे शिकायत
गुरुवार को दफ्तर के कर्मचारी अभिषेक उइके के साथ अभद्रता करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारी ने सरकारी फाइलों के फोटो लेने से रोका तो आवेश नामक व्यक्ति ने उसका हाथ पकड़कर दफ्तर से बाहर ले जाने की कोशिश की। उसके साथ मारपीट का प्रयास किया। अन्य कर्मचारियों ने बीच-बचाव किया। संयुक्त संचालक के मुताबिक संबंधित थाने में आवेदन दिया जाएगा।
0 टिप्पणियाँ