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सिद्धार्थ सोनी स्मृति मंच:हादसे में बेटे को खोया, पिता का संदेश- दुर्घटना में सब्र न खाेएं, ट्रैफिक नियम से चलें, उसी की याद में ट्रैफिककर्मियों का सम्मान

 

सिद्धार्थ को याद कर परिजन की आंखें हुईं नम, कमिश्नर बोले- हमें आदतें बदलना होंगी। - Dainik Bhaskar
सिद्धार्थ को याद कर परिजन की आंखें हुईं नम, कमिश्नर बोले- हमें आदतें बदलना होंगी।

मौका तो था ट्रैफिक के लिए बेहतर काम करने वाले पुलिसकर्मियों के सम्मान का, लेकिन प्रीतमलाल दुआ सभागार में मौजूद सभी लोगों की आंखें नम थीं। वजह, जिस इंजीनियर सिद्धार्थ सोनी की याद में ये आयोजन हुआ, उन्होंने पिछले साल पलासिया चौराहे के नजदीक वाहनों की मामूली टक्कर के बाद हुए दर्दनाक घटनाक्रम में दम तोड़ दिया था।

सालभर पहले पुत्र को खोने वाले पिता सतीश सोनी ने दर्द को दिल में रख लोगों को सड़क पर सब्र न खोने, रफ्तार पर काबू रखने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने का संदेश देने के लिए पुलिसकर्मियों का सम्मान समारोह आयोजित किया।

कर्मवीर सिद्धार्थ सोनी स्मृति मंच के इस आयोजन में पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र और पद्मश्री जनक पलटा मगिलिगन ने यातायात पुलिस के प्रधान आरक्षक विवेक पाटिल, रणजीतसिंह, सूबेदार अमित यादव, सैयद काजिम हुसैन रिजवी एवं आरक्षक सुमंतसिंह को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

कमिश्नर मिश्र ने कहा, सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए हमें आदतें बदलना होंगी। इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जयवीरसिंह भदौरिया, अनिल पाटीदार, समाजसेवी सुभाष खंडेलवाल और संजय देसाई के साथ सिद्धार्थ के परिजन, रिश्तेदार व समाजजन माैजूद थे। संचालन संजय पटेल ने किया।

ऐसे हुआ था हादसा

पिछले साल 17 दिसंबर को उत्कर्ष विहार कॉलोनी के सिद्धार्थ कार से ऑफिस जा रहे थे। शेख हातिम तिराहे पर कार की टक्कर एक्टिवा से हो गई। एक्टिवा सवार का गुस्सा फूट पड़ा और उसने सिद्धार्थ के माफी मांगने के बावजूद विवाद किया। धक्का-मुक्की में सिद्धार्थ डंपर के सामने जा गिरे। डंपर का पहिया उनके ऊपर से गुजर गया। मौके पर ही मौत हो गई।

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