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सोयाबीन से बने उत्पाद डाइट में शामिल करने से डायबिटीज और हार्ट पेशेंट को होता है फायदा, कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने दी जानकारी।

 

देश में डायबिटीज और हार्ट से जुड़ी समस्याएं काफी ज्यादा देखने को मिलती हैं। इन्हें कंट्रोल करना चाहते हैं तो आहार में सोयाबीन के उत्पादों को शामिल करना होगा। कोई डायबिटिक या हार्ट पेशेंट 3 माह तक रोज अपने खाने में 25 ग्राम सोया प्रोटीन ले तो कोलेस्ट्रॉल के लेवल में 10% तक की कमी आ सकती है।

यह बात श्रेया न्यूट्रीशियन की डायरेक्टर डॉ. कविता रेड्डी ने बुधवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में पत्रकारों से चर्चा में बताई। वे सोया फूड प्रमोशन एंड वेलफेयर एसोसिएशन की दो दिनी कॉन्क्लेव में शामिल होने के लिए आई थीं।

दाल में 20 फीसदी इसके एनलॉग में 30% प्रोटीन

डॉ. रेड्डी ने बताया कि आमतौर पर सामान्य व्यक्ति अपने वजन के बराबर ग्राम में प्रोटीन ले सकता है। वहीं, बच्चों व गर्भवती महिलाओं को इससे दोगुना प्रोटीन लेना चाहिए। दाल में 20% सोयाबीन होता है तो सोया एनलॉग में 30 प्रतिशत प्रोटीन होता है।

मीट अल्टरनेट के बढ़ने से होगा फायदा

यूएस सोयाबीन एक्सपोर्ट काउंसिल के टेक्निकल कंसल्टेंट डॉ. सुरेश इतापु और डॉ. रतन शर्मा ने बताया कि भारत में मीट अल्टरनेट काफी तेजी से बढ़ रहा है। एक अंडे में 6 ग्राम प्रोटीन होता है। वहीं एक किलो सोया प्रोटीन मात्र 80 रुपए में उपलब्ध है।

सोयाबीन बड़ी का प्रमुख केंद्र इंदौर, 90% उत्पादन यहीं

आईसीएल फूड स्पेशलिटीज के बिजनेस हेड पूरनचंद उपाद्रष्टा ने बताया कि पूरे भारत का 60% सोयाबीन उत्पादन मप्र में होता है। बड़ी बनाने में इंदौर देश का सबसे बड़ा गढ़ हैं। पूरे भारत में कुल 6 लाख टन सोयाबीन की बड़ी बनाकर बेची जाती है। इसमें से 90% माल इंदौर, पीथमपुर, देवास में तैयार होता है।

सोया इंडस्ट्री के सामने 2022 में कई चुनौतियां

हम वर्तमान में प्रोटीन इंडेक्स को देख सकते हैं। विश्व की प्रोटीन इंडस्ट्री के सामने 2022 में काफी चुनौतियां हैं। जबकि सोयाबीन की खेती करना काफी किफायती और लाभदायक सिद्ध हो रहा है। यूएस के सोयाबीन किसानों ने क्रॉप रोटेशन की मदद से काफी अच्छा उत्पादन प्राप्त किया है।

यह बात यूएसएसईसी के रीजनल डायरेक्टर केविन रोपके ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिनी सोया फूड प्रमोशन एंड वेलफेयर एसोसिएशन के 5वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के वर्चुअल सेशन को संबोधित करते हुए कही।

प्रोटीन का स्थायी स्रोत है सोया

यूएसएसईसी के सीईओ जिम सटर ने कहा कि सोया मानव जाति के लिए उपलब्ध सबसे स्थाई प्रोटीन स्रोतों में से एक है। साथ ही खाद्य और पोषण सुरक्षा प्रदान करने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा। आबादी के विभिन्न वर्गों के लिए सोया के रूप में यह स्वस्थ भोजन विकल्प है।

संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अमेरिकी सोयाबीन किसान सोया उत्पादन के स्थायी तरीके पर काम कर रहे हैं। सोपा के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने कहा कि सोया फूड सबसे तेजी से बढ़ते व्यवसायों में से एक है। यह कुपोषण से निपटने कारगर है।

  • 800 रुपए के अंडे खाने पर मिलता है एक किलो प्रोटीन, सोयाबीन उत्पाद सिर्फ 80 रु.में मिल जाता
  • प्रतिवर्ष 15 लाख टन सोया उत्पाद की खपत है देश में, इसमें सबसे ज्यादा 3 लाख टन तेल
  • मीट अल्टरनेटिव के तौर पर सोयाबीन उत्पादों का देश में तेजी से बढ़ रहा है उपयोग
  • सोयाबीन के दो दिनी 5वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने चर्चा में दी जानकारी


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