सेक्स रैकेट के सरगना मामनूर उर्फ विजयदत्त और बबलू सरकार को इंदौर जेल भेज दिया गया। दोनों का गुरुवार को रिमांड खत्म हुआ। जेल जाने से पहले बाहर जमीन छूकर दोनों ने कान पकड़कर माफी मांगी। बोले- आइंदा इंडिया में लड़कियां सप्लाई नहीं करेंगे। पुलिस अब इनके पूरे नेटर्वक का पता लगा रही है। सरगनाओं से दूसरे प्रदेशों के भी दलाल जुड़े हुए हैं। इनसे जब्त मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग में इसका भी पता चला है कि बांग्लादेश बॉर्डर पर तैनात कुछ जवान भी इस गैंग के मददगार हैं।
थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि पिछले साल इंदौर के लसूड़िया थाना इलाके के महालक्ष्मीनगर में गेस्ट हाउस में रेड डाली थी। देह व्यापार के लिए बंधक बनाई गईं कई युवतियों को छुड़वाया था। युवतियों ने पुलिस को बताया था कि वे पश्चिम बंगाल से होते हुए मुंबई, गुजरात और देश के कई इलाकों में दलालों के जरिए सप्लाई की जाती हैं। पुलिस को तभी से इस गैंग के सरगना की तलाश थी। इसी साल नवंबर में सरगना विजय दत्त और बबलू को गिरफ्तार किया था। पिछले साल से अब तक 53 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
प्रदेश में कई एजेंट अब भी एक्टिव
पुलिस का मानना है कि गैंग के दलाल अब भी प्रदेश में एक्टिव हैं। प्रदेश और आसपास के इलाकों में बांग्लादेश से आई युवंतियों से अनैतिक कार्य करवाया जा रहा है। उनकी धरपकड़ लगातार की जा रही है। प्रदेश में गैंग के 500 से अधिक एजेंट हो सकते हैं। बांग्लादेशी युवतियों को इंदौर के आसपास के इलाकों में सप्लाई करने वाला दलाल प्रमोद पाटीदार पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। वह इंदौर के संगीत धामनोद, खंडवा, खरगोन इलाके में इन युवतियों को भेजता था। पाटीदार ने मुंबई के दलाल समीर पठान का नाम बताया है। उसने बताया कि वह युवतियों को उससे खरीदता था। समीर पठान की तलाश जारी है।
गिरोह में पकड़े गए आरोपी
- बबलू उर्फ पलाश सरकार, निवासी पश्चिम बंगाल
- सरगना मोमिनुल, निवासी पश्चिम बंगाल
- प्रमोद पाटीदार, निवासी खरगोन
- उज्ज्वल ठाकुर, निवासी इंदौर
- दिलीप बाबा, निवासी इंदौर
पकड़ी गई 4 महिलाएं
- अकीजा, दीपा, दोनों निवासी बांग्लादेश
- नेहा व रजनी वर्मा, दोनों निवासी इंदौर
बांग्लादेशी दलाल की पत्नी है दीपा
दीपा जियाउल शेख की पत्नी है। जियाउल शेख बांग्लादेश में दलाल है। अकीजा विजय दत्त उर्फ मोमिनुल की गर्लफ्रेंड है। इंदौर का काम रजनी और नेहा संभालती थीं। अकीजा और दीपा बांग्लादेश से लाई गईं युवतियों पर देह व्यापार का दबाव बनाती थी। युवतियों को जब दलाल बांग्लादेश से भारत लाते हैं, तो यहां उन्हें दवाएं और ड्रग्स दी जाती थीं। एक दिन में कई कस्टमर्स के आगे उन्हें भेजा जाता था। जब कोई लड़की ज्यादा शोर-शराबा करती तो उसे इंजेक्शन देकर बेहोश भी कर दिया जाता था।
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