देश को आज ऐसे चार लाख पूर्णतः गांधीवादी कार्यकर्ताओं की जरूरत है, जो कम से कम एक-एक गांव को गोद लेकर वहां पर गांधी दर्शन का न केवल प्रचार-प्रसार करें वरन प्रत्येक गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए एकजुटता दिखाएं। तभी हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्रामीण भारत के सपने को कुछ हद तक पूरा कर पाएंगे।
यह बात गांधीवादी विचारक डॉ. आरके पालीवाल (गुजरात) ने शुक्रवार शाम श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति सभागृह में ‘शांति और विकास’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय गांधी दर्शन कार्यशाला के पहले दिन मुख्य वक्ता के रूप में कही। कार्यक्रम यूनिवर्सल पीस एंड सोशल डेवलपमेंट सोसायटी सहित विभिन्न गांधीवादी संस्थाओं की ओर से किया जा रहा है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में गांधीवादी विचारक रवींद्र रुकमणी (महाराष्ट्र) ने कहा- आजकल लोग झाड़ू हाथ में लेकर सेल्फी लेकर उसे सोशल मीडिया में वायरल करते हैं, ताकि समाज को लगे कि हम ही असली गांधी हैं। ऐसे गांधीवादियों से देश आगे नहीं बढ़ सकता। संयोजक आलोक खरे और मीडिया प्रभारी प्रवीण जोशी ने बताया कार्यक्रम का शुभारंभ हरेराम वाजपेयी, रामेश्वर गुप्ता व अन्य ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
लिली डावर ने वैष्णव जन तो तेने कहिए गाया। परिचय सुगंध बरंत ने दिया। स्वागत फादर पायस, इंजी. रहमान, रेखा आचार्य, तरणजीत कौर, रामेश्वर गुप्ता, आरवा साकिर, अशोक मित्तल, राजेंद्र जैन, अनिल भंडारी आदि ने किया। कार्यक्रम का संचालन शफी शेख ने किया। कार्यक्रम में श्यामसुंदर यादव, डॉ. ओपी जोशी, सुरेश उपाध्याय, रवींद्र शुक्ला आदि उपस्थित थे।
महात्मा गांधी के विचार हमेशा प्रासंगिक रहे
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति अशोक शर्मा ने कहा- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार हमेशा प्रासंगिक रहे हैं। उन्होंने सौ वर्ष पूर्व जिस स्वच्छता, शुचिता, सत्याग्रह की बात की थी, आज भी वह सही साबित हो रही है। मुकुंद कुलकर्णी ने कहा- महात्मा गांधी के विचार विश्व मान्य हैं।
0 टिप्पणियाँ