मध्यप्रदेश में सुशासन की दिशा में एक और कदम
इंदौर:मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भू-अधिकार पुस्तिका प्राप्त करने का सुगम और आसान तरीका बनाने के निर्देशों के अनुपालन में मध्यप्रदेश शासन के राजस्व विभाग ने भू-अधिकार पुस्तिका उपलब्ध कराने के संबंध में संशोधित नियम जारी किए हैं। अब भू-अधिकार पुस्तिका आवेदक को ऑनलाइन प्राप्त होगी। भू-स्वामी अपनी भू-अधिकार पुस्तिका प्राप्त करने के लिए आईटी सेंटर, एम.पी. ऑनलाइन, लोक सेवा केन्द्र, कियोस्क सेंटर और शासन द्वारा प्राधिकृत सेवा प्रदाता के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
ऑनलाइन मिलने वाली भू-अधिकार पुस्तिका सामान्यत: दो पृष्ठों की होगी। इसके लिए शासन द्वारा 45 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। प्रकरण विशेष में पुस्तिका यदि अधिक पृष्ठों की है, तो प्रत्येक पृष्ठ के लिए 15 रुपये अतिरिक्त देय होंगे। प्रदेश में भू-अधिकार पुस्तिका अब ऑनलाइन प्रदाय की जायेगी। पूर्व में प्राप्त की गई भू-अधिकार पुस्तिका यथावत उपयोग में ली जा सकेगी। राजस्व विभाग द्वारा भू-अधिकार पुस्तिका प्रदाय करने के लिए समय-सीमा लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार निर्धारित की गई है। भूलेख पोर्टल से भू-अधिकार पुस्तिका की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति डाउनलोड कर आवेदक को निर्धारित समय-सीमा में प्रदाय की जायेगी।
ऑनलाइन भू-अधिकार पुस्तिका प्राप्त करने के लिए कृषक (आवेदक) को अपना आधार कार्ड, फोटो, मोबाइल नम्बर, समग्र आईडी, पटवारी हल्का और सेक्टर क्रमांक आदि अभिलेख उपलब्ध कराना होंगे। इन अभिलेखों के आधार पर ऑनलाइन सेवा प्रदाता संस्था आवेदक का आवेदन प्रस्तुत कर देगी। कृषक द्वारा भू-अधिकार पुस्तिका का आवेदन किए जाने के लिए यदि आधार नम्बर उपलब्ध नहीं है, तो कृषक का फोटो लेकर क्षेत्र के पटवारी से सत्यापित करवाया जायेगा। पटवारी का दायित्व है कि वह कृषक का फोटो तीन कार्य दिवस में सत्यापित अथवा अमान्य करें। पटवारी द्वारा ऐसा नहीं किए जाने की दशा में फोटो को सही मानकर भू-अधिकार पुस्तिका जारी की जायेगी।
भू-अधिकार पुस्तिका का आवेदन अमान्य किए जाने अथवा समय-सीमा में निराकरण नहीं होने पर आवेदक को अपील करने का अधिकार होगा। आवेदक प्रथम अपील 30 दिवस और द्वितीय अपील 60 दिवस में प्रस्तुत कर सकेगा। दोनों ही अपील निराकरण करने की समय-सीमा 15 दिवस निर्धारित की गई है।
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