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आयुष्मान संगम', एबीपीएम-जय व एबीडीएम के महत्वपूर्ण पहलुओं पर हितधारकों के साथ हुआ विचार-मंथन

 

इंदौर;आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जय) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की प्रगति का मूल्यांकन करने और दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन और भविष्य का रोडमैप तैयार करने के लिए पूर्व एवं मध्य क्षेत्र के राज्यों का दो दिवसीय दूसरा "आयुष्मान संगम" का आयोजन इंदौर में किया गया। आयुष्मान संगम एनएचए की एक रणनीतिक पहल है। इसके पूर्व इसी तरह की एक बैठक 28-29 अक्टूबर,2021 को उत्तरी राज्यों के साथ किया गया था। यह आयुष्मान भारत इकोसिस्टम में हितधारकों के लिए विचारों को साझा करनेपिछले अनुभवों को प्रस्तुत करनेसर्वोत्तम प्रक्रियाओं को दर्शाने और इस तरह एक रचनात्मक संवाद के लिए एक साझा मंच प्रदान करता है।

     समीक्षा बैठक के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.आर.एस. शर्मा ने कहा कि भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य को और बेहतर बनाने की दिशा में पीएम-जय और एबीडीएम महत्वपूर्ण पहल हैं। इनकी मदद से स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक सुगमता पूर्वक पहुंचाया जा रहा है। हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में एबीडीएम की सेवाएं काफी उपयोगी सिद्ध होंगी। इनकी मदद से देश के हर कोने में विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लिया जाना संभव होगा। जहां एक ओर एबीपीएम-जय देश की उस जनसंख्या को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराता है जो इन सेवाओं का खर्च नहीं उठा सकते वहीं दूसरी ओर एबीडीएम आइटी प्लेटफॉर्म का उपयोग कर देश के सुदूर जगहों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंचउपयुक्त स्वास्थ्य कर्मियों की पहचान और डायग्नोस्टिक टेस्ट एवं दवाइयों की घर तक आसान डिलेवरी का माध्यम बन रहा है।

   एनएचए के एडिशनल सीईओ और एबीडीएमके एमडी डॉ. प्रवीण गेदाम ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की अवधारणा और विशेषताओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म हैजिसकी मदद से मरीज को रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेजों और जानकारी को बार-बार साझा करने से राहत मिलेगी। साथ ही सभी स्वास्थ्य पेशेवरों को एबीडीएम की हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री पर रजिस्टर्ड किया जा सकेगा। एबीडीएम की मदद से सरकारी एवं निजी क्षेत्र में भी सहभागी संस्थाओं और पेशेवरों के मध्य सुगम संवाद स्थापित हो सकेगाजिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में आ रही बाधाओं का त्वरित निराकरण होगा।

  इसके पूर्व एनएचए के डिप्टी सीईओ डॉ. विपुल अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन दिया और आयुष्मान भारत पीएम-जय के क्रियान्वयन को और बेहतर बनाने की दिशा में अपने विचारों को साझा करने के लिए अधिकारियों को आमंत्रित किया। उन्होंने बैठक में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी राज्यों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की। अगले सत्र में एबीपीएम-जय की वर्तमान स्थिति पर दिए गए अपनी प्रस्तुति में डॉ. अग्रवाल ने एबीपीएम-जय के आगामी रोडमैप पर चर्चा करने के साथ-साथ इस बैठक में शामिल उपस्थित राज्यों से अपनी अपेक्षाओं को साझा किया।

    इस अवसर पर सचिव हेल्थ एवं मिशन डायरेक्टर एबीडीएम श्री रविन्दरसीईओ एसएचए मध्यप्रदेश श्री अनुराग चौधरी,   सीइओ स्टेट नोडल एजेंसी एवं एमडीएबीडीएम छत्तीसगढ श्री नीरज बंसोढप्रशासनिक पदाधिकारी एसएचए श्री अमिताभ सिंह,  नोडल अधिकारी एबीडीएम श्री बादल चंद्र,  ज्वाइंट डायरेक्टर एसएचए डॉ. राजेन्द्र कुमार ने अपने-अपने राज्यों में एबीपीएम-जय और एबीडीएम की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला और योजना क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं एवं राज्य द्वारा अपनाए गए बेस्ट प्रैक्टिसेज के बारे विस्तार से बताया।

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