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सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेशभर के वकीलों को दी बड़ी राहत:ट्रिब्यूनल में नियुक्ति और विसंगति को सरकार जब चाहे तब दूर करे, ट्रिब्यूनल के मामले हाईकोर्ट सुनेगी

 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई कि ट्रिब्यूनल में नियुक्ति, अटैचमेंट के रूप में की गई विसंगति जब चाहे तब दूर करे। - Dainik Bhaskar
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई कि ट्रिब्यूनल में नियुक्ति, अटैचमेंट के रूप में की गई विसंगति जब चाहे तब दूर करे।

प्रदेशभर के वकीलों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। डीआरटी में नियुक्ति नहीं होने और डीआरटी को राज्य से बाहर अटैच किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई कि ट्रिब्यूनल में नियुक्ति, अटैचमेंट के रूप में की गई विसंगति जब चाहे तब दूर करे, हम यह आदेश देते हैं कि ट्रिब्यूनल के मामले हाईकोर्ट में ही सुने जाएंगे।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किए हैं। वहीं स्टेट बार काउंसिल की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने पैरवी की। विगत अगस्त में इस मामले की सुनवाई हुई थी। तब केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि वह ट्रिब्यूनल में खाली पदों पर नियुक्ति तो करेगी ही, उसे अटैच किए जाने की विसंगति भी दूर करेगी।

डीआरटी बेंच को पहले अहमदाबाद, फिर मुंबई शिफ्ट कर दिया गया

दरअसल, मध्यप्रदेश डेब्ट्स रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) की बेंच जबलपुर में है। इसे पहले अहमदाबाद शिफ्ट कर दिया था। फिर मुंबई शिफ्ट कर दिया गया। वकीलों को अपने मामलों के लिए अहमदाबाद, फिर मुंबई जाना पड़ रहा था। वहीं ट्रिब्यूनल की बेंच में भी कई पद खाली थे। उन्हें भी भरा नहीं जा रहा था। गुरुवार को केंद्र की ओर से भी विसंगति और शिफ्ट करने को लेकर कोई जवाब नहीं आया तो सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के लंबित मामले हाईकोर्ट द्वारा सुने जाने के आदेश जारी कर दिए।

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