कहानी - एक ब्राह्मण था अजामिल। अजामिल की उम्र 88 साल थी। एक दिन वह जंगल में लकड़ी लेने गया तो उसने देखा कि पानी के एक कुंड में एक पुरुष और एक महिला साथ में स्नान कर रहे हैं। वह महिला वैश्या थी।
बूढ़े अजामिल ने जब कुंड में उस महिला को ऐसी अवस्था में देखा तो उसके मन में काम भावना जाग गई। वह विचार करने लगा कि ये महिला मुझे मिल जाए। इसके बाद बूढ़ा अजामिल किसी तरह उस महिला को अपने घर ले आया और उससे संबंध बना लिए। कुछ समय बाद मालूम हुआ कि वह महिला गर्भवती हो गई है।
इस तरह उस बूढ़े ब्राह्मण अजामिल का पतन हो गया। जब कुछ विद्वान ब्राह्मण अजामिल के घर आए तो उन्होंने उससे पूछा, 'इस आयु में आपने ऐसा काम क्यों किया?'
अजामिल ने कहा, 'हां, मुझसे भूल हो गई है।'
ब्राह्मणों ने कहा, 'जब आपके मन में काम जागा तो आपको अपनी आंखों पर नियंत्रण करना चाहिए था।'
सीख - इस कथा की सीख ये है कि हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि क्या देखा जाए, कब और कितना देखा जाए। काम का प्रवेश आंखों से ही होता है। हमारे आसपास कई ऐसे दृश्य दिखाई देते हैं, जिनकी वजह से मन में बुरी भावनाएं जाग जाती हैं। ऐसे दृश्यों को देखकर काफी लोग चरित्र से गिर जाते हैं और उनका पतन हो जाता है। इसलिए कुछ देखते समय संयम रखना बहुत जरूरी है।
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