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फर्जी टीकाकरण:जिन्हें टीका नहीं लगा, उन्हें भेज रहे सर्टिफिकेट, किसी के पास जवाब नहीं कैसे हो रहा

 

कोरोना टीकाकरण को लेकर शहर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया है, उन्हें भी दोनों डोज पूरे होने के सर्टिफिकेट भेजे जा रहे हैं। टीकाकरण का रिकाॅर्ड ऑनलाइन है और बिना आईडी-पासवर्ड कोई दूसरा सर्टिफिकेट जारी नहीं कर सकता। ये सर्टिफिकेट ऑफिशल एप से जारी हो रहे हैं, यानी साफ है कि टारगेट पूरा करने की जद्दोजहद में कर्मचारी ही फर्जीवाड़े पर उतारू हैं।

अब तक ऐसे दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को कुछ लोग तो सीएमएचओ बीएल सैत्या के पास भी इसकी शिकायत लेकर गए थे कि बिना टीका लगवाए उन्हें सर्टिफिकेट मिल रहे हैं। उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि ये फर्जीवाड़ा कैसे हो रहा है और कौन कर रहा है।

केस 1 : मौत के बाद टीका

न्यू पलासिया निवासी 84 साल के वीरेंद्र बहादुर सक्सेना को अप्रैल में पहला डोज लगा। दूसरे डोज के पहले 23 मई को कोरोना से मौत हो गई। 16 दिसंबर को उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि आपको दूसरा डोज भी लग चुका है।

केस 2 : निगम से आया मैसेज

मरीमाता की अर्चना साहू को 21 जून को पहला डोज लगा। 17 दिसंबर को पति आकाश को निगम के जोन-2 से दूसरा डोज लगने का मैसेज आया। वे तब से भटक रहे हैं, लेकिन कोई जवाब देने को तैयार नहीं कि बिना टीका मैसेज कैसे आया।

केस 3 : एप पर गलत एंट्री

नंदानगर की 32 साल की युवती बीमारी के कारण तय दिनांक को दूसरा डोज नहीं लगवा पाई। तीन दिन पहले उनके मोबाइल पर टीका लगने का मैसेज आ गया और आरोग्य सेतु एप से सर्टिफिकेट भी डाउनलोड हो गया।

निगमकर्मी 400 रुपए में बनाकर दे रहा फर्जी सर्टिफिकेट

खुद को निगम जोन 15 का कर्मचारी बताने वाले विष्णु निवासी कल्पनानगर द्वारा 400 रुपए में सर्टिफिकेट बनाने का मामला सामने आया है। एक कर्मचारी द्वारा की गई बातचीत के अंश... सर्टिफिकेट के लिए विष्णु ने पहले आधार कार्ड मांगा। मोबाइल पर ही एंट्री कर रहा था।

विष्णु: वोटर आईडी पुराना है। एक्सेप्ट नहीं करेगा। कर्मचारी: इसके अलावा क्या दूं? विष्णु: पेनकार्ड होगा? कर्मचारी: नहीं, जरूरत नहीं पड़ी विष्णु: आधार कार्ड नहीं ले रहा। विष्णु: पहले डोज में जो मोबाइल नंबर था वह दो। साथ ही है न। कर्मचारी: हां, नंबर दिया? विष्णु: नहीं ले रहा, कल बना देंगे। हद यह है कि भास्कर के साथ स्वास्थ्य विभाग ने ही यह स्टिंग किया, बावजूद इसके विष्णु पर कार्रवाई तो दूर उसके बारे में पता लगाने की कोशिश भी नहीं की।

जिला अधिकारी तुरंत चेक करें मामला
ऐसा कैसे हो सकता है कि बिना टीका लगवाए किसी को सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाए। जिला अधिकारियों को यह मामला प्राथमिकता से देखना चाहिए। - डॉ. संतोष शुक्ला, राज्य टीकाकरण अधिकारी

वरिष्ठ अफसरों को पूरी जानकारी दी है
हमारी जानकारी में यह मामला आया है। विभाग के आला अधिकारियों को इसकी पूरी जानकारी दे दी है। उचित कार्रवाई होगी। - तरुण गुप्ता, टीकाकरण अधिकारी

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