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शब्द भोजन की तरह ही होते हैं, जो शब्द हमें अच्छे नहीं लगते, वे दूसरों को भी नहीं परोसना चाहिए

जो लोग बिना सोचे-समझे बात करते हैं, उन्हें रिश्तों को संभालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रिश्तों बहुत सोच-समझकर शब्दों का चयन करना चाहिए। ऐसे शब्दों का उपयोग न करें, जिनकी वजह से दूसरों को तकलीफ होती है।



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