कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और बढ़ते संक्रमण को लेकर इंदौर जिला प्रशासन फिर सख्त हो गया हैं। मगर जिला प्रशासन की इस सख्ती को लेकर इंदौर में कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं और इस संबंध में एक मेल सीएम शिवराज सिंह चौहान को किया है। दरअसल, जिला प्रशासन व नगर निगम लगातार ऐसे संस्थानों पर कार्रवाई कर सील रहा हैं, जहां कर्मचारियों ने वैक्सीन का सेकंड डोज नहीं लगवाया। इसी कड़ी में बुधवार को कलेक्टर मनीष सिंह ने एक ओर सख्त कदम उठाते हुए ऐसे मामलों में संस्थानों को सील करने के साथ ही एफआईआर करने के लिए भी कहा है। इस सख्ती को लेकर इंदौर में कांग्रेस ने सवाल खड़े किए है। म.प्र कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह का कहना है कि शत-प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रशासन जबरदस्त मशक्कत कर रहा है। वैक्सीन नहीं लगवाकर दूसरों की जिंदगी जोखिम में डालने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं, लेकिन सरकार जनता को दंडित कर रही हैं, लेकिन इंदौर में लगभग 3 लाख से ज्यादा सरकारी, अर्द्धशासकीय अधिकारी-कर्मचारी काम करते हैं। इन सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को वैक्सीन के दोनों डोज लगे है या नहीं ? इनकी जांच की क्या व्यवस्था है?
कांग्रेस ने सीएम को भेजा लेटर, टास्क फोर्स टीम बनाए
यादव का कहना है कि उन्हें सूत्रों से जानकारी मिली है कि लगभग 50% सरकारी अधिकारियों ने सेकंड डोज तो 25% कर्मचारियों ने पहला डोज नहीं लगवाया है। आम जनता और प्राइवेट संस्थानों को सील करने और अब एफआईआर तक करने की बात जिला प्रशासन ने कहीं है। लेकिन सरकारी कर्मचारियों ने वैक्सीनेशन कराया हैं या नहीं इस बात की जांच कैसे की जाएगी ? उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेटर लिखकर ये सवाल उठाने के साथ ही मांग की है कि इसके लिए एक टास्क फोर्स टीम बनाई जाए ताकि ऐसे सरकारी अधिकारी-कर्मचारी जिन्होंने वैक्सीन का सेकंड डोज नहीं लगवाया है उन पर कार्रवाई की जा सके।
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