5 फीसदी GST को 12 फीसदी करने तथा ई-वे बिल को लेकर अब विरोध के स्वर तीखे होने लगे हैं। सोमवार को इसे लेकर अहिल्या चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज ने एक बैठक रखी जिसमें 70 से ज्यादा व्यापारिक संगठन के पदाधिकारी शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में इसका विरोध किया और सहमति बनी कि इसके लिए देशभर के कारोबारियों को एकजुट कर उनसे समर्थन मांगा जाए। व्यापारियों ने कहा कि 200 फीसदी पेनल्टी से तो इंस्पेक्टर राज बढ़ जाएगा।
चेम्बर के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि राज्य शासन ने पुरानी तारीख में ई-वे बिल का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। मामले में न तो व्यापारियों को न तो विश्वास में लिया गया और न ही इससे अवगत कराया। ऐसे में अब हर महीने सात-आठ रिटर्न और अब हर डिलीवरी के लिए ई-वे बिल बनाने की मजबूरी हो गई है। इससे व्यापारियों का दस्तावेजी काम बढ़ गया है और उनके पास बिजनेस के लिए समय नहीं बचा। सरकार के खजाने में GST कलेक्शन बढ़ा है। इसका कारण व्यापार में प्रतिसाद नहीं बल्कि महंगाई में वृद्धि है। अब बडी़ कंपनियों के हाथ में कारोबार है और छोटे व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा है। एक हफ्ते तक शासन का रुख देखा जाएगा अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। मंत्री सुशील सुरेका ने कहा कि कोरोना ने पहले ही व्यापार की कमर तोड़ दी है और नए-नए नियम ने व्यापार और कठिन कर दिया है।
एक्सपर्ट के रूप में उपस्थित एडवोकेट लखोटिया और सीए जैन ने व्यापारियों से कहा कि वे वस्तुएं देखकर ई-वे बिल न बनाए बल्कि SSN को़ड देखे अन्यथा गलती की आशंका बढ़ जाएगी। ई-वे बिल का पहला भाग व्यापारी को और दूसरा ट्रांसपोर्टर को भरना है। जैसे किराना और पैकिंग मटेरियल की कैटेगरी से स्थिति साफ नहीं होगी ऐसे में SSSN कोड देखकर ई-वे बिल बनाए। गलती होने पर टैक्स के मुकाबले दो गुना पेनल्टी देना होगी। 200 किमी के लिए ई वे बिल की वैधता 24 घंटे है। दूरी के अनुपात मेें वैधता बढ़ेगी। ई-वे बिल 24 घंटे में जारी करने वाला कैंसल कर सकता है।
मप्र टैक्स ला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अश्विन लखोटिया और सीए सुनील जैन ने बदले प्रावधानों के कानूनी पहलुओं को व्यापारियों के सामने रखा। कारोबारियों में इस बात के लिए सहमति बनी कि ई-वे बिल का आदेश राज्य सरकार का है। ऐसे में प्रदेश के वित्त मंत्री, वाणिज्य कर मंत्री और वित्त सचिव से मिलकर बात रखी जाए। GST की दर बढ़ाने का मुद्दा केंद्र का है, ऐसे में देशभर के कारोबारियों को एक जुट कर समर्थन मांगा जाए।
सांसद लालवानी ने लोकसभा में उठाया मुद्दा, व्यापारियों ने माना आभार
इस बीच सांसद शंकर लालवानी ने लोकसभा में वित्तमंत्री से आग्रह किया कि कपड़ा, रेडिमेड वस्त्र पर GST 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का निर्णय GST कौंसिल द्वारा लिया गया है। इससे व्यापार प्रभावित होगा। ऐसे में वृद्धि को वापस लिया जाना चाहिए। मामले में इंदौर रिटेल गारमेंट्स के अध्यक्ष अक्षय जैन ने उन्हें पत्र भेजकर उनके प्रति आभार व्यक्त किया है।
मप्र वस्त्र व्यापारी महासंघ की बैठक आज, थाली बजाएंगे रेडिमेड वस्त्र कारोबारी
उधर, कपड़े पर GST की दर बढ़ाने के विरोध में मप्र वस्त्र व्यापारी महासंघ की बैठक मंगलवार को सुबह 11 बजे से खंडेलवाल धर्मशाला लोहारपट्टी पर रखी गई है। इसमें कपड़े पर 5 फीसदी की जगह 12 फीसदी GST करने तथा मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 50 हजार रु. से से अधिक की खरीदी पर ई-वे बिल लागू करने के विरोध में चर्चा होगी। श्री मंत महाराजा तुकोजी राव क्लॉथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन (एमटीएच) के मंत्री कैलाश मूंगड़, जीएसटी संघर्ष समिति के संयोजक रजनीश चौरडिया व प्रचार संयोजक अरुण बाकलीवाल ने बताया कि इन दोनों मु्द्दों को लेकर पूरे भारत में कपड़ा व्यापारियों द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के सभी कपड़ा संगठनों द्वारा संपूर्ण शक्ति के साथ विरोध नीति को धारदार बनाने के लिए आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए यह बैठक रखी है। बैठक में मुख्य रूप से बैरागढ़, देवास, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, कटनी, सतना, जबलपुर, ग्वालियर, मनासा, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, खरगोन सहित अन्य शहरों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।इस बैठक में आंदोलन की रुपरेखा बनेगी। दूसरी और इंदौर रिटेल गारमेंट एसोसिएशन ने ऐलान कर दिया है कि GST की वृद्धि के विरोध की शुरुआत थाली और हेंगर बजाकर करेंगे। 15 दिसंबर को शहर के रिटेल कारोबारियों द्वारा 12.15 बजे सभी बाजारों में थाली बजाई जाएगी।
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