कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए प्रशासन ने अपनी तैयारियां बढ़ा दी है। मरीजों की संख्या को देखते हुए मरीजों के लिए कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर शुरू कर दिया गया है। इस सुविधा के माध्यम से मरीजों को इलाज और कोरोना संबंधी सभी महत्वपूर्ण जानकारी फोन से ही मिल जाएगी। साथ ही होम आइसोलेशन के मरीजों का इलाज भी इसी सेंटर से उपलब्ध होगा।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी एमपीआईडीसी के महाप्रबंधक रोहन सक्सेना देखेंगे। यह कमांड सेंटर 24 घंटे काम करेगा। सक्सेना ने बताया कि इसी कमांड सेंटर में 1075 हेल्पलाइन लाइन है। इस पर कोई भी व्यक्ति कोरोना संबंधी जानकारी ले सकते हैं। सेंटर में डॉक्टर भी उपलब्ध रहेंगे।
सेंटर से कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत अस्पताल, खाली बेड आदि की जानकारी मिल सकेगी। इसी तरह मरीजों के इलाज के लिए टेली मेडिसिन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। इसके लिए वाट्सएप नंबर जल्द जारी होगा। ऐसे मरीज जिनके घर में पर्याप्त जगह और सुविधा है, उन्हें होम आइसोलेट करने की अनुमति दी जाएगी।
तीन अस्पतालों ने नहीं लगाए ऑक्सीजन प्लांट, होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने बताया जिले में जितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी, उसके प्रबंध हो चुके हैं। दो-तीन अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट अब तक नहीं लगे हैं। इसमें लाइफ केयर, ग्रेटर कैलाश, एप्पल हास्पिटल के नाम हैं। यहां एडमिशन की संख्या को हमने 75 प्रतिशत कम कर दिया है। यदि समय रहते प्लांट नहीं लगे तो कार्रवाई होगी। हुकमचंद अस्पताल में बिजली का इश्यू था, अब लाइन डल रही है। दो से तीन दिन में वहां भी समस्या खत्म हो जाएगी।
केस बढ़ रहे हैं, शादी और सार्वजनिक आयोजनों में संख्या कम करने पर हो सकता है फैसला: प्रशासन
कोविड के केस लगातार बढ़ना शुरू हो गए है। संभावना है यह और तेजी से बढ़ेंगे। इसमें डेल्टा और ओमिक्रान दोनों ही सामने आने की संभावना है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। राज्य शासन के निर्देश और क्राइसिस मेनेजमेंट कमेटी की माध्यम से जल्द ही कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
शादियों में लोगों की संख्या तय की जा सकती है। बड़े आयोजन और रैली पर रोक लगेगी। यह बात कलेक्टर मनीष सिंह ने कही है। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है ओमिक्रॉन वायरस ज्यादा घातक नहीं, लेकिन यह फैलता तेज गति से है, इसलिए सतर्कता जरूरी है। लोग खुद बड़े कार्यक्रम न करवाएं। किसी आयोजन में जा रहे हैं तो मास्क जरूर लगाएं।
होम आइसोलेशन की अनुमति देने से पहले परीक्षण के लिए टीम घर आएगी
सक्सेना ने बताया कि मरीज को सात दिन तक होम आइसोलेशन में रहना होगा। होम आइसोलेशन की अनुमति देने से पहले एक टीम उनके घर जाएगी और मरीज तथा उसके घर का परीक्षण करेंगे। घर में पर्याप्त जगह रहने और कम लक्षण होने पर मरीज को होम आइसोलेशन की अनुमति मिलेगी।
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की निगरानी के लिए सेंटर के माध्यम से प्रतिदिन दो बार ऑडियो व वीडियो कॉल किया जाएगा। अगर मरीज का स्वास्थ्य ज्यादा खराब होता है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा। होम आइसोलेशन के मरीजों को एक मेडिकल किट भी दी जाएगी, इसमें सात दिन की दवाइयां रहेंगी।
अब सख्ती शुरू- 51 फीवर क्लिनिक की होगी मॉनिटरिंग, देखेंगे कितने केस आए व कितनों का इलाज हुआ
कोविड -19 की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते केसों को देखते हुए प्रशासन ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में फीवर क्लिनिक को सुचारु रूप से चलाने के लिए मॉनिटरिंग करने के निर्देश जारी किए हैं। जोन के नोडल अफसर अब इनकी रोजाना मॉनिटरिंग करेंगे कि कितने केस आए हैं, कितनों का इलाज शुरू हुआ और कौन निगेटिव आए हैं।
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