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दहेज प्रताड़ना में आत्महत्या:पति ओर सास को मिली 10 साल की सजा,सुसाईड नोट में लिखा था पापा में जीना चाहती हूं

 

इंदौर न्यायालय ने शनिवार को संयोगितागंज इलाके में रहने वाली एक महिला की आत्महत्या के मामले में पति ओर सास को 10 साल की सजा सुनाई है। न्यायधीश ने महिला के सुसाइड नोट में लिखी लाईनो को अहम माना ओर अपना फैसला सुना दिया। महिला ने 2013 में सुसाइड किया था। माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश उत्तम कुमार डाबी ने मृतिका सोनू के मामले में दहेज प्रताड़ना को लेकर आत्महत्या किए जाने के मामले में सोनू के पति विजय पिता रमेश परिहार और मनुबाई उर्फ कुसुम बाई को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने माना कि किस तरह खराब स्थिती से विवश होकर सोनू को यह कदम उठाना पड़ा । ससुराल वालो से डेढ़ लाख रुपए की मांग करके उससे मारपीट की व मृतिका सोनू से दहेज में रूपये के साथ साथ मकान और दुकान लाने के लिये भी दबाव बनाया था। शासन की और से शासकीय अभियोजक विमल मिश्रा अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता संजय शुक्ला ने सुसाइड नोट को कोर्ट में पढ़कर सुनाया और उसमे लिख़ी लाइन पापा में जीना चाहती हूं। पर उन लोगो ने मेरी आत्मा को इस तरह रौंद दिया है कि मैं अपने आप से भी आंखे नही मिला पा रही हूं।को सुनाकर माननीय न्यायालय को तर्क दिया की इस महिला को दहेज के लालच में इतना विवश किया की इसे अपने जान की आहुति ही देनी पड़ी। सोनू की शादी छावनी इलाके में हुई थी। 2013 में उसने आत्महत्या की थी। न्यायालय ने इस पर 8 साल में फैसला सुनाया था।

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