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डॉ. रीना रवि मालपानी द्वारा 12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस पर लिखित कविता “राष्ट्रीय युवा दिवस

प्रति वर्ष 12 जनवरी को मानते हम राष्ट्रीय युवा दिवस।
विवेकानन्दजी ने किया था तम का विध्वंस॥
इसी दिन हुआ था महान दार्शनिक विवेकानन्दजी का अवतरण।
दिया संदेश मानवता की सेवा से जीते जीवन का रण॥
अपने आदर्शों से देते युवाओं को आगे बढ़ने का प्रोत्साहन।
उन्होने किया था स्वयं जीवन का चिंतन गहन॥
स्वयं के प्रयासों से की जा सकती अपनी जीत तय।
विवेकानन्दजी देते सीख, आत्मविश्वास से जीतो निर्भय॥
महान दार्शनिक ने विश्व में अध्यात्म का महत्व बताया।
उनके विचारों ने कई युवाओं को जागरूक बनाया॥
विवेकानन्दजी देते जीवन में अध्यात्म और ज्ञान को अत्यधिक महत्व।
युवा अपने प्रयासों की ऊंचाइयों से बढ़ा सकते सफलता का घनत्व॥
सराहनीय होता है राष्ट्र की उन्नति में युवाओं का योगदान।
व्यर्थ नहीं करना है हमें महापुरुषों का ज्ञान॥
स्वामी विवेकानन्दजी के विचार बनाते हमें ऊर्जावान।
युवा पीढ़ी की उदार और सशक्त सोच से बनाएँगे देश को महान॥
स्वयं से लड़कर ही जीत की जा सकती है हासिल।
विवेकानन्दजी के मार्गदर्शन पर चलकर बन सकते हम काबिल॥
युवा कर सकते उन्नति की दिशा निर्धारित।
डॉ. रीना कहती, कृत संकल्पित होकर करें स्वयं की जीत सुनिश्चित॥

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