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कोरोना से बचाव के लिये 15 से 17 वर्ष के एक लाख 24 हजार से अधिक बच्चों को लगाये गये टीके

इंदौर:राज्य द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशानुसार इंदौर जिले में कोरोना से बचाव के लिये बच्चों के टीकाकरण के लिये चलाये गये अभियान के तहत एक लाख 24 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाये गये। जिले में एक लाख 94 हजार बच्चों को टीके लगाये जाने का लक्ष्य है। टीकाकरण से शेष 70 हजार बच्चों को टीके लगाने के लिये विशेष मुहिम चलाई जायेगी। शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण करवाने वाले स्कूलों को 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किया जायेगा। टीकाकरण का लक्ष्य पूर्ण करने के लिये संकुल विद्यालयों सहित उनके क्षेत्र में आने वाले एक-एक निजी विद्यालयों में विशेष टीकाकरण केन्द्र रहेंगे। अन्य केन्द्रों पर भी टीकाकरण कराया जा सकता है।

      यह जानकारी सांसद श्री शंकर लालवानी की विशेष मौजूदगी में सम्पन्न हुई निजी तथा शासकीय विद्यालयों के प्राचार्योंसंचालकों की बैठक में दी गई। बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंहनगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पालराज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरेअपर कलेक्टर श्री अभय बेड़ेकरअपर आयुक्त नगर निगम श्री संदीप सोनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

      बैठक में सभी स्कूलों के संचालकों और प्राचार्यों को निर्देश दिये गये कि वे अपने-अपने स्कूलों का लक्ष्य यथाशीघ्र पूर्ण कर लें। वे यह ध्यान देवें की उनके स्कूलों का कोई भी पात्र बच्चा कोरोना टीकाकरण से वंचित नहीं रहे। बैठक में सांसद श्री लालवानी ने कहा कि निजी और शासकीय स्कूलों के प्रमुखों की यह जवाबदारी है कि वह भविष्य को सुरक्षित करने के लिये 15 से 17 वर्ष आयु तक के सभी बच्चों का टीकाकरण करवाये। इस कार्य को वे सर्वोच्च प्राथमिकता में लेवें। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को आगे आकर इस मुहिम से जुड़ना चाहिये। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया जाये।

      कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने अभियान की जानकारी देते हुये बताया कि इस अभियान के तहत वर्ष-20052006 तथा वर्ष 2007 में जन्में प्रत्येक बच्चें का टीकाकरण किया जाना हैजो बच्चें स्कूलों में अध्ययनरत है उनके टीकाकरण की जवाबदारी स्कूल प्रबंधन की है। वे यह सुनिश्चित करें कि उनके प्रत्येक बच्चें का टीकाकरण हो जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चें जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया हैउन्हें भी चिन्हित किया जाये। सुचीबद्ध कर ऐसे बच्चों को समाज की सहभागिता से टीकाकृत करवाये। उन्होंने बताया कि 15 से 17 वर्ष तक के बच्चों के टीकाकरण के लिये संकुल विद्यालयों और उनके क्षेत्राअंतर्गत आने वाले एक-एक निजी विद्यालयों में टीकाकरण केन्द्र रहेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा तथा आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों के टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। सोमवार 17 जनवरी को शाम 4 बजे रवीन्द्र नाट्य गृह में आँगनवाड़ी तथा आशा सहायिकाओं की बैठक रखी गई है।

      बैठक में राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे ने बच्चों के टीकाकरण महत्व के बारे  में बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों का टीकाकरण होगातो भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। निर्बाध रूप से शिक्षा जारी रहे इसके लिये जरूरी है कि सभी बच्चों का टीकाकरण हो। टीकाकरण होगा तो कोरोना महामारी पर आसानी से नियंत्रण हो सकेगा।

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