इस महीने 11 जनवरी को शुक्र उदय होगा। फिर 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य धनु से मकर राशि में आएगा। जिससे खरमास खत्म हो जाएगा। इसके बाद मांगलिक कामों की शुरुआत होगी। 15 जनवरी को साल का पहला विवाह मुहूर्त रहेगा। इस बार शादियों के लिए मई और जून में सबसे ज्यादा मुहूर्त होंगे। 2022 में वसंत पंचमी, अक्षय तृतीया और देवउठनी अबूझ मुहूर्त को मिलाकर शादियों के लिए कुल 52 दिन शुभ रहेंगे।
गुरु अस्त होने से मार्च में मुहूर्त नहीं
15 जनवरी को साल को साल के पहले विवाह मुहूर्त के बाद 22 फरवरी तक शादियां हो पाएंगी। 23 फरवरी को गुरु अस्त हो जाने के बाद 17 अप्रैल से शादियों का सीजन शुरू होगा। जो कि 8 जुलाई तक रहेगा। फिर 10 जुलाई को देवशयन होने से चातुर्मास शुरू हो जाएगा और 20 नवंबर तक शादियों के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे। इसके बाद 21 नवंबर से 14 दिसंबर तक सिर्फ 9 ही विवाह मुहूर्त होंगे।
सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई-जून में
इस साल साल जनवरी और फरवरी में 5-5 विवाह मुहूर्त रहेंगे। फिर अप्रैल में 6 दिन शादियों हो पाएंगी। वहीं, सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई में 13 और जून में 10 दिन रहेंगे। इसके बाद जुलाई और नवंबर में 4-4 दिन और दिसंबर में 5 विवाह मुहूर्त रहेंगे।
दो बार शुक्र अस्त लेकिन मुहूर्त पर असर नहीं
इस साल शुक्र दो बार अस्त हो रहा है। पहला, जनवरी में खरमास के समय और दूसरी बार अक्टूबर-नवंबर में चातुर्मास के दौरान। इन दिनों के दौरान वैसे भी शादियों के मुहूर्त नहीं होते हैं। इसलिए शुक्र अस्त होने का महत्व नहीं है। इस तरह साल में कुल 55 दिन तक शुक्र अस्त रहेगा। लेकिन 23 फरवरी से 27 मार्च तक गुरु ग्रह के अस्त होने की वजह से इन दिनों होने वाले विवाह मुहूर्त पर असर पड़ेगा।
वसंत पंचमी: साल का पहला अबूझ मुहूर्त
वसंत पंचमी को विवाह का अबूझ मुहूर्त माना जाता है। यानी इस पर्व पर शुभ मुहूर्त का विचार किए बिना शादियां की जा सकती हैं। इस बार ये पर्व 5 फरवरी को है। इस बार वसंत पंचमी पर शुक्र और गुरु ग्रह उदय रहने से विवाह मुहूर्त में रुकावट नहीं होगी। पिछले साल शुक्र अस्त होने के कारण वसंत पंचमी पर शादियों का मुहूर्त नहीं था। लोक परंपरा के चलते उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में वसंत पंचमी पर विवाह होते हैं।
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