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स्टार्टअप कॉनक्लेव:सीएम ने कहा- इंदौर को बनाएंगे स्टार्टअप कैपिटल उद्यमी बोले- पहले 24X7 काम करने का माहौल दें

 

‘स्टार्ट इन इंदौर’ फोरम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, उद्योगपतियों से की बात। - Dainik Bhaskar
‘स्टार्ट इन इंदौर’ फोरम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, उद्योगपतियों से की बात।

मप्र की आर्थिक राजधानी, प्रदेश का एजुकेशन और मेडिकल हब बन चुके इंदौर में अब युवाओं की नई डिमांड है कि यह शहर 24 घंटे खुले। खासकर आईटी कंपनियों के लिए। उन्हें जरूरी सुविधाएं रात में भी मिले, जो अभी रात 11 के बाद नहीं मिलतीं। यहां 100 से ज्यादा आईटी कंपनियां हैं। शहर में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाए। कुछ ऐसी मांगें युवा उद्यमियों ने इंदौर के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए बने ‘स्टार्ट इन इंदौर’ फोरम के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने रखीं।

स्टार्टअप पर बात करने के लिए सीएम से हर महीने मांगा एक घंटे

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर और प्रदेश में स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराएंगे। वित्तीय मदद व अन्य सुविधाएं के लिए जल्द ही सरकार वेंचर फंड की स्थापना करेगी। इंदौर में स्टार्टअप के लिए जमीन देने में आईडीए, नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी के अलावा एमपीआईडीसी करेगी। इंदौर को देश की स्टार्टअप कैपिटल बनाएंगे।

ग्लोबल स्टार्टअप इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन भी करेंगे। ब्रिलियंट कनवेंशन सेंटर में आयोजित कानक्लेव में सीएम ने पहले नए और सफल हो चुके स्टार्टअप के युवाओं से उनके अनुभव और मांगें सुनी। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर में 300 स्टार्टअप उद्यमियों का फोरम बनाया गया है। स्टार्ट इन इंदौर के मेंटर डॉ. निशांत खरे ने कहा कि इन युवाओं की छोटी-छोटी परेशानियां दूर हाे जाएं और इन्हें सपोर्ट मिल जाए तो स्टार्टअप में इंदौर नई पहचान बना सकता है। कार्यक्रम में सीएम ने इंदौर के स्वच्छता गीत का विमोचन भी किया।

स्टार्ट इन इंदौर के चेयरमेन रजत जैन ने सीएम से हर महीने एक घंटा फोरम के लिए मांगा, ताकि नए स्टार्टअप में आने वाली बाधाओं पर बात हो सके। इस पर भी सीएम ने मंजूरी दी। जैन ने बताया जल्द ही एक सेटअप लेकर हम सीएम से मिलेंगे।

ये सुझाव दिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाए, ताकि स्टार्टअप को सपोर्ट मिले

  • स्टार्टअप को प्रमोट करने व निवेश दिलाने के लिए सिंगल विंडो सपोर्ट सेंटर बनाया जाए।
  • जितने भी इंडस्ट्री इवेंट हों, उनमें इंदौर के स्टार्टअप को प्रमोट किया जाए। फंडिंग के लिए ग्लोबल इनवेस्टर्स और लोकल स्टार्टअप के लिए प्लेटफार्म बनाया जाए।
  • देश में मुंबई, पुणे, बेंगलुरू दुनिया में नॉर्थ अमेरिकन, यूरोपियन देश या ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड सभी जगह टाइम जोन अलग होता है। वहां रात में आईटी इंडस्ट्रीज संचालित होती हैं। इंदौर में आईटी इंडस्ट्री बड़ा सेक्टर है, लेकिन अभी यहां टाइम जोन को लेकर सुविधाएं नहीं हैं। रेस्त्रा, ग्रॉसरी 11 बजे बंद हो जाते हैं। यहां भी 24x7 का माहौल मिले। इससे आईटी का टेलेंट यहां काम में रुचि लेगा।
  • इंदौर को डेडिकेटेड स्टार्टअप सिटी बनाया जाए। एक इंफ्रास्ट्रक्चर मिले, जहां प्लग एंड प्ले की तर्ज पर काम शुरू हो सके।
  • ये सुझाव स्टार्ट-इन-इंदौर के चेयरमैन रजत जैन, मेंबर अविनाश सेठी, मोहित जैन, सावन लड्‌ढा, कृतिका, शिवानी, अभिषेक, तनु तेजस, मयूर सेठी, शानु मेहता, मनीष डबकरा आदि ने सीएम को दिए)
  • स्टार्टअप को प्रमोट करने व निवेश दिलाने के लिए सिंगल विंडो सपोर्ट सेंटर बनाया जाए।
  • जितने भी इंडस्ट्री इवेंट हों, उनमें इंदौर के स्टार्टअप को प्रमोट किया जाए। फंडिंग के लिए ग्लोबल इनवेस्टर्स और लोकल स्टार्टअप के लिए प्लेटफार्म बनाया जाए।
  • देश में मुंबई, पुणे, बेंगलुरू दुनिया में नॉर्थ अमेरिकन, यूरोपियन देश या ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड सभी जगह टाइम जोन अलग होता है। वहां रात में आईटी इंडस्ट्रीज संचालित होती हैं। इंदौर में आईटी इंडस्ट्री बड़ा सेक्टर है, लेकिन अभी यहां टाइम जोन को लेकर सुविधाएं नहीं हैं। रेस्त्रा, ग्रॉसरी 11 बजे बंद हो जाते हैं। यहां भी 24x7 का माहौल मिले। इससे आईटी का टेलेंट यहां काम में रुचि लेगा।
  • इंदौर को डेडिकेटेड स्टार्टअप सिटी बनाया जाए। एक इंफ्रास्ट्रक्चर मिले, जहां प्लग एंड प्ले की तर्ज पर काम शुरू हो सके। ये सुझाव स्टार्ट-इन-इंदौर के चेयरमैन रजत जैन, मेंबर अविनाश सेठी, मोहित जैन, सावन लड्‌ढा, कृतिका, शिवानी, अभिषेक, तनु तेजस, मयूर सेठी, शानु मेहता, मनीष डबकरा आदि ने सीएम को दिए)

शहर के कुछ स्टार्टअप जो अब बुलंदी पर हैं

  • वर्की- इस स्टार्टअप में ऑफिस या वर्किंग स्पेस चाहिए या किसी भी काम के लिए किसी भी तरह की जगह चाहिए, यह स्टार्टअप वह उपलब्ध करवाता है। 17 शहरों में मौजूद हैं। अब तक इससे 158 कंपनियां जुड़ चुकी हैं।
  • रेडबैक- 7 साल पहले शुरू किया। यह एक डेटा सेंटर है। इस स्टार्टअप की शुरुआत जीरो से हुए। आज 2800 करोड़ का वैल्यूएशन है।
  • शॉप-किराना : कंपनी से सीधे किराने की दुकान को जोड़ने के लिए यह स्टार्टअप शुरू हुआ। अब इसे डायरेक्ट के नाम से जाना जाता है। पहले फंडिंग के लिए परेशान थे। अब 50 हजार किराना स्टोर, देश के 8 से 9 शहरों में नेटवर्क है। एक हजार करोड़ की कंपनी अब बन चुकी है। प्रदेश का ऐसा पहला स्टार्टअप जिसने सी फंड रेजिंग से ही 285 करोड़ जुटाए। अगले 6 महीने में 1 हजार लोगों को जोड़ेंगे।
  • किमरिका - यह स्टार्टअप शुरू हुआ था होटलों में अंदर टॉयलिटरी प्रोडक्ट बनाने से। एमपी टूरिज्म ने इन्हें मौका दिया। आज इनके प्रोडक्ट यूएस सहित कई देशाें तक जाते हैं। 6 साल में 750 करोड़ की कंपनी बन चुकी है।
  • पता एप- किसी भी व्यक्ति का पता ढूंढने के लिए यह एप बनाई, जो अब पापुलर हो चुकी है। अब तक 70 लाख लोगों ने इसे डाउनलोड किया। इसकी फाउंडर कृतिका जैन कहती हैं कि हम इंदौर को देश की पहली डिजिटल एड्रेस सिटी बनाने पर काम कर रहे हैं।

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