दुनिया भर में बढ़ते ओमिक्रॉन संक्रमण के बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। अमेरिका में बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, 23 दिसंबर वाले हफ्ते में तकरीबन 2 लाख बच्चों को कोरोना हुआ। वैज्ञानिकों की मानें तो ऐसे ही आंकड़े देश में डेल्टा की लहर के समय देखे गए थे।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ये चेतावनी दी थी कि ओमिक्रॉन दुनिया में केवल लहर नहीं, बल्कि सुनामी ला सकता है।
बच्चों से अस्पताल हो रहे फूल
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 23 दिसंबर वाले हफ्ते में 1 लाख 99 हजार बच्चों में कोरोना की पुष्टि हुई। ये महीने के शुरुआती आंकड़ों से 50% ज्यादा थे। साथ ही, 28 दिसंबर वाले हफ्ते में 0 से 17 की उम्र के 378 बच्चे अस्पतालों में भर्ती हुए, जो बीते हफ्ते की तुलना में 66.1% ज्यादा थे। हालांकि, इन्हें ओमिक्रॉन से गंभीर बीमारियों का खतरा कम है।
न्यूज एजेंसी AFP से बात करते हुए टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल के इम्यूनोलॉजिस्ट जिम वर्सालोविक ने बताया कि युवाओं और बूढ़ों के मुकाबले ओमिक्रॉन बच्चों को ज्यादा संक्रमित कर रहा है। इसी कारण अस्पतालों में बच्चों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि, ओमिक्रॉन गंभीर रूप से लोगों को बीमार नहीं करता।
न्यूयॉर्क के नॉर्थवेल हेल्थ हॉस्पिटल सिस्टम के बाल रोग विशेषज्ञ हेनरी बर्नस्टीन कहते हैं कि बच्चों में बढ़ते ओमिक्रॉन की वजह इनमें वैक्सीनेशन कम या न होना है।
बच्चों के लिए वैक्सीन जरूरी
वैज्ञानिकों का कहना है कि बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी वैक्सीन लगाना जरूरी है। फिलहाल अमेरिका में 5 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी है। सेंटर्स फॉर डिसीस कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक, देश में 12 साल से बड़े 70% बच्चों को वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। साथ ही, 5 से 11 साल के एक चौथाई बच्चे एक डोज के साथ वैक्सीनेट हैं।
वहीं, भारत में 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों को कोवैक्सिन लगाई जाएगी। इसके अलावा, 2 से 15 साल तक के बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल किए जा रहे हैं।
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