इस साल माघ महीने की अमावस्या तिथि दो दिन यानि 31 जनवरी और 1 फरवरी को रहेगी। पुराणों में अमावस्या को पर्व कहा गया है। ग्रंथों के मुताबिक इस दिन श्राद्ध, तीर्थ स्नान, दान और पूजा-पाठ करने का विधान बताया गया है। माघ महीने की अमावस्या पर इन सब पुण्य कर्मों का महत्व और बढ़ जाता है।
पितृ पूजा का पर्व
अमवस्या पर पितरों की विशेष पूजा की जाती है। ज्योतिष के नजरिये से इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में आ जाते हैं। इन दोनों के ग्रहों के बीच का अंतर 0 डिग्री हो जाता है। हर महीने की अमावस्या पर कोई न कोई व्रत या पर्व मनाया जाता है। ये तिथि पितरों की पूजा के लिए खास मानी जाती है। इसलिए इस दिन पितरों की विशेष पूजा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
31 को सोमवती अमावस्या
सोमवती अमावस्या 31 जनवरी सोमवार को रहेगी। वैसे अमावस्या पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और दान करते ही हैं, परंतु माघ महीने में सोमवती अमावस्या होने से इसका और अधिक महत्व है। पंडितों के अनुसार इस दिन घर में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से रोग दूर होते हैं। शिव पूजा और दान-पुण्य का भी विशेष लाभ मिलता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।
1 फरवरी मौनी अमावस्या
1 फरवरी को माघी-मौनी अमावस्या भी रहेगी। कई लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करेंगे तो कुछ लोग घर में ही पवित्र नदियों का जल मिलाकर स्नान करेंगे। इस दिन व्रत रखकर पीपल के वृक्ष समेत श्रीकृष्ण और विष्णु की विशेष पूजा-उपासना की जाती है, जो मंगलकारी होती है। इस अमावस्या पर जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र का दान करने का पुराणों में उल्लेख मिलता है।
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