- प्रदूषण बोर्ड ने 60 स्थानों पर जांचे थे सैंपल, 59 फेल
- बड़ा सवाल- इन स्थानों से जुड़ी आबादी को होने वाली दिक्कतों की जिम्मेदारी कौन लेगा?
‘ठहरिए, आप जो पानी पी रहे हैं, वह पीने योग्य नहीं है।’ ऐसे चेतावनी बोर्ड नगर निगम को शहर के 59 स्थानों पर साल 2019 में लगाना थे, लेकिन 2022 शुरू होने के बाद भी निगम ने इसकी सुध नहीं ली। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चेतावनी बोर्ड लगाने के लिए तीन साल में निगम को तीन बार पत्र लिखे। अब बोर्ड ने सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड भोपाल को पत्र लिखकर यहां के पानी के सैंपल की फिर से जांच करने के लिए कहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने 2016-17 व 2017-18 में शहर के 60 स्थानों से पीने के पानी के सैंपल लिए थे। रिपोर्ट 2019 में अाई। 60 में से 59 सैंपल फेल थे। इसके बाद बोर्ड ने निगम को पत्र लिखकर चेताया था कि उक्त स्थानों के पानी का उपचार करने के बाद ही उपयोग किया जाए। ऐसा नहीं किया तो लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है।
ये हैं वो स्थान, जहां पीने योग्य नहीं मिला पानी, इनमें कई स्थान कान्ह क्षेत्र से जुड़े
35 कॉलोनियां : रामनगर, नाहरशाहवली रोड खजराना, मेटलमेन फैक्टरी के सामने सांवेर रोड, गोविंद कॉलोनी वार्ड 12, शंकर बाग कॉलोनी, परदेशीपुरा वार्ड 5, भागीरथपुरा वार्ड 17, बड़ा गणपति सुभाष स्कूल के पास, राम मंदिर के पास सदर बाजार, काका पब्लिक स्कूल के पास निरंजनपुर, रावजी बाजार पुलिस स्टेशन के पास जूनी इंदौर, आरपी अपार्टमेंट सोसायटी, पोलोग्राउंड, भागीरथपुरा 1 व 2, खातीपुरा 1 व 2, प्रिंस सिटी, भानगढ़, निरंजनपुर 1 व 2, शक्कर खेड़ी, धानखेड़ी, नूरी नगर, दौलतगंज, रामबाग, मल्हारआश्रम, डीआरपी लाइन, परदेशीपुरा, श्याम नगर, कुमेड़ी, तोड़ी और मांगलिया आदि।
9 मंदिर, मस्जिद, गुुरुद्वारा : हनुमान मंदिर पालदा, इंदौर गुुरुजी अंजनीदेवी गुरुद्वारा स्कीम 78, अन्नपूर्णा मंदिर सुदामा नगर, विश्वकर्मा मंदिर एयरपोर्ट रोड, मेहंदी अली दरगाह रेसीडेंसी एरिया, श्री सती केवलराम धाम खातीवाला टैंक, रामभक्त हनुमान मंदिर खजूरी बाजार आदि।
- 2 स्कूल : तिलक नगर हाई स्कूल, न्यू साउथ वैल स्कूल भंवरकुआं।
- 2 होस्टल : आदिम जाति गर्ल्स होस्टल मोती तबेला, मुन्नालाल जगन्नाथ होस्टल संयोगितागंज।
- 2 श्मशान घाट : मुक्तिधाम पालदा, मुक्तिधाम रामबाग।
- 1 सिनेमाघर : प्रेमसुख टॉकीज।
- 1 चिड़ियाघर : कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय, नौलखा।
- 1 पुलिस थाना : पलासिया पुलिस थाना।
- 6 अन्य स्थान : मेसर्स कीमती ब्रदर्स धार रोड, जैन भवन नौलखा, कृष्णपुरा छत्री 1 और 2, चोइथराम मंडी परिसर, ऐस्सार पेट्रोल पंप परिसर कनाड़िया रोड।
पानी के सैंपल में टोटल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, कान्ह या सीवरेज से आया
सैंपल में विभाग को टोटल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया निकला। यह आंतों में असर करता है, जिससे उल्टी, डायरिया, पेट दर्द संबंधी परेशानी होती है। जैसी बीमारी हो सकती है। विभाग के अफसरों के मुताबिक यह बैक्टीरिया सीवरेज के पानी में पनपता है। उसके बाद यह आसपास के साफ जलस्रोतों में चला जाता है और उन्हें दूषित कर देता है। इन मामलों में भी ऐसा ही हुआ है।
विभाग ने शहर के जिन स्थानों से भी सैंपल लिए हैं, उनमें से अधिकतर स्थान या तो कान्ह नदी के आसपास या फिर सीवरेज लाइन के आसपास के हैं। यह बैक्टीरिया जिस पानी में मिलता है, उस पानी से सीवरेज जैसी बदबू आती है। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे पानी को क्लोरिनेशन करके भी साफ किया जा सकता है।
एक्सपर्ट- ग्राउंड वाटर का सर्वे करना जरूरी
200 फीट नीचे तक पानी हो सकता है प्रदूषित
सालभर तक ही गंदा पानी नाले में जाता रहे तो वह जमीन में 200 फीट तक पानी को प्रदूषित कर सकता है। यही कारण है कि नाले के आसपास ग्राउंड वाटर का सर्वे करने पर उसके सैंपल फेल हो गए। पानी का ट्रीटमेंट करना जरूरी है।
- सुधींद्र मोहन शर्मा, पूर्व राष्ट्रीय अधिकारी, पेयजल सुरक्षा भारत सरकार
कान्ह किनारे के पानी की लैब जांच कर स्टडी करें
कान्ह नदी के किनारे के अलग-अलग हिस्सों में ग्राउंड वाटर के सैंपल लेकर उसकी स्टडी करनी चाहिए कि कान्ह के गंदे पानी से कितनी दूरी तक में ग्राउंड वाटर प्रदूषित है और उसमें क्या-क्या केमिकल मिल रहे हैं। इसके बाद उपचार की रणनीति बनानी चाहिए।- ओपी जोशी, पर्यावरण विशेषज्ञ
3 बार लिखे पत्र
तीन साल में नगर निगम को 3 पत्र लिखे। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड को भी अवगत कराया। - एसएन पाटिल, प्रयोगशाला प्रभारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
सर्वे रिपोर्ट को दिखवाती हूं
मैं इसे दिखवाती हूं कि सर्वे रिपोर्ट में क्या लिखा है और उन्होंने हमें क्या पत्र लिखा है। उसके मुताबिक कार्रवाई होगी। पत्राचार कहां हुआ, किन्होंने पत्र रिसीव किए, उससे जवाब मांगेंगे।- प्रतिभा पाल, कमिश्नर, नगर निगम
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