Header Ads Widget

Responsive Advertisement

लैब टेस्ट से चिंताजनक खुलासा:फैक्टरियों से निकलने वाले खतरनाक केमिकल से प्रदूषित हुआ सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र का भूजल

 

क्षेत्र के ट्यूबवेल से निकलने वाला पानी ऐसा रंगीन दिख रहा है। - Dainik Bhaskar
क्षेत्र के ट्यूबवेल से निकलने वाला पानी ऐसा रंगीन दिख रहा है।
  • 50 से ज्यादा कॉलोनी और टाउनशिप के एक लाख से ज्यादा रहवासी और उद्योगों से जुड़े इतने ही कर्मचारियों के सामने पेयजल का संकट

उद्योगों द्वारा नदी, नालों व जमीन में छोड़े जा रहे केमिकल की वजह से सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र और इससे जुड़े कई इलाकों में भूजल सैकड़ों फीट नीचे तक प्रदूषित हो गया है। यहां के प्राकृतिक स्रोत का पानी अपना रंग बदल चुका है। यहां भूजल पीने योग्य नहीं है। इंजीनियर द्वारा कराई गई लैब टेस्ट से यह खुलासा हुआ है।

पानी में रंग से लेकर पीएच, हार्डनेस, कैल्शियम सहित कई तत्व आदर्श मानक से बहुत अधिक पाए गए। इसी तरह सल्फेट, नाइट्रेट, फ्लोराइड, सल्फाइड सहित अन्य कई तत्व मानक से भी कम पाए गए। इससे 50 से ज्यादा कॉलोनी और टाउनशिप के एक लाख से ज्यादा रहवासी और उद्योगों से जुड़े इतने ही कर्मचारियों के सामने पेयजल का संकट है।

स्थिति इतनी खराब- अन्य उपयोग भी नहीं कर सकते

अलग-अलग क्षेत्रों से आधा दर्जन सैंपल की लैब में जांच कराने वाले इंजीनियर अतुल सेठ ने बताया पानी का रंग ही लाल नहीं है बल्कि वह जहरीला हो चुका है। यानी कुमेड़ी क्षेत्र का भूजल पीना तो छोड़िए वापरने या पशुओं के पिलाने योग्य भी नहीं रहा है। इलाके के लोग पीने से लेकर अन्य कामों के लिए बाहर से पानी लाने को मजबूर हैं। कई लोग पानी के टैंकर बुलाते हैं क्योंकि बोरिंग लाल, दूषित पानी उगल रहे हैं। पानी के बदले स्वरूप पर वैज्ञानिक डॉ. दिलीप वाघेला ने बताया ऐसा तभी होता है जब जमीन या जल स्रोतों में दूषित, गंदा, विषैला पानी पहुंचता है।

भारी पड़ रही- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही, जांच में खामी

सबसे अधिक लापरवाही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की है। उसका काम है कि हर उद्योग में पानी शुद्ध कराने के लिए वह जरूरत के हिसाब से एटीपी स्थापित करवाए। जहां एटीपी लगे भी हैं तो वे दिखावे के हैं। यानी जहां 2 एमएलडी का एटीपी लगना चाहिए वहां 1 एमएलडी का प्लांट लगा है।

इतना बड़ा दायरा- 700 छोटी-बड़ी फैक्टरियां हैं, 35 सील हो चुकी

सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र काफी विस्तृत है। यहां 700 छोटी-बड़ी फैक्टरियां हैं। कान्ह में गंदगी फैलाने वाली 35 फैक्टरियों को नगर निगम और प्रशासन की टीम सील कर चुकी है।

40 टीमें बनवाकर एक-एक फैक्टरी की जांच करवा रहे
हमने 40 टीमें बनाकर सांवेर रोड की छोटी-बड़ी करीब 700 फैक्टरियों का सर्वे कराया है। हाल ही में 35 फैक्टरियों को सील भी किया है। निगम की कार्रवाई लगातार जारी है। जिस फैक्टरी में जितनी क्षमता की एटीपी होना चाहिए, लगाने का अल्टीमेटम दे रहे हैं।- संदीप सोनी, अपर आयुक्त, नगर निगम

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ