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नेत्रदानी इंदौर में सिर्फ दो दिन में आठ लोगों के नेत्रदान हो चुके हैं

 

नेत्रदानी इंदौर में सिर्फ दो दिन में आठ लोगों के नेत्रदान हो चुके हैं। - Dainik Bhaskar
दो परिवारों के साहसभरे फैसले से रविवार को चार लोगों की जिंदगी में प्रकाश का रास्ता साफ हो गया। एक परिवार ने तीन साल के बच्चे तो एक ने 15 साल की बच्ची के नेत्रदान किए। बड़ी बात यह है कि नेत्रदानी इंदौर में सिर्फ दो दिन में आठ लोगों के नेत्रदान हो चुके हैं। इनसे 16 लोगों की अंधेरे में डूबी जिंदगी एक बार फिर रोशन हो जाएगी।

अयांश को जन्म से दिल की बीमारी, एक सर्जरी भी हो चुकी थी, अचानक हृदय गति रुकी, बचा नहीं सके

निपानिया निवासी विभाकर नारायण के 3 वर्षीय बेटे अयांश का हृदय गति रुकने से निधन हाे गया। पेशे से बैंककर्मी विभाकर के परिवार ने ऐसी मुश्किल घड़ी में भी साहस जुटाते हुए नेत्रदान की पहल की। निजी अस्पताल के डॉ. अमित जोशी ने बताया बच्चे को कार्डियक प्रॉब्लम थी। पहले बेंगलुरु में ऑपरेशन हो चुका था। हार्ट का रिदम सही नहीं होने के कारण यहां भर्ती किया गया था। अचानक हृदय की गति रुकने से बचा न सके। मां ने स्वयं अपने कलेजे के टुकड़े के नेत्रदान की इच्छा जताई।

अवधि को ब्रेन हेमरेज हुआ था, गंभीर हालत में निजी अस्पताल में चल रहा था उपचार

रविवार को ही दूसरा नेत्रदान 15 वर्षीय अवधि जैन का हुआ। अवधि को ब्रेन हेमरेज के कारण निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। सुबह निधन के बाद परिवार ने नेत्रदान की इच्छा जताई। बच्ची के अंकल संदीप जैन ने नेत्रदान के लिए सहमति दी। तकनीकी सेवा दे रहे जीतू बागानी ने बताया ऐसे मुश्किल समय में साहस जुटाकर दोनों परिवारों ने मिसाल पेश की है।

शनिवार और रविवार को इनके नेत्रदान हुए

1. अयांश नारायण 2. अवधि जैन 3. जीयंदराम जगवानी 4. शांति देवी ओचानी 5. जयाबेन गोहिल 6. घनश्याम दास बियाणी 7. उर्मिला तोलानी 8. विनोद जेठमलानी

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