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प्रदेश की प्रथम जगतगुरु रामानंदाचार्यजी महाराज प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा

-संत-महात्माओं के सान्निध्य में महोत्सव सम्पन्न
-वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज उठा पश्चिम क्षेत्र
-कड़ाके की सर्द हवाओं के बीच निकली हाथी, घोड़े और बैंड-बाजों के साथ शोभायात्रा
-सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दोपहर से शाम तक हजारों श्रद्धालुओं ने ग्रहण की भोजन-प्रसादी
इंदौर। मां अहिल्या की नगरी इंदौर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन-अनुष्ठान के साथ जगतगुरु रामानंदाचार्यजी महाराज की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। सुपर कॉरिडोर (पवन टेकरी, हनुमान मंदिर गांधीनगर) पर संत-महात्माओं के सान्निध्य में प्रदेश की पहली जगतगुरु रामानंदाचार्यजी की प्रतिमा की स्थापना की गई। जिससे पश्चिम क्षेत्र जयकारों से गूंज उठा। समापन अवसर पर शोभायात्रा, महाआरती के बाद दोपहर से शाम तक महाप्रसादी का आयोजन भी किया गया।
प्रदेश के आदर्श सुपर कॉरिडोर रोड स्थित पवन टेकरी गांधीनगर हनुमान मंदिर परिसर में प्रदेश का पहला जगतगुरु रामानंदाचार्य प्रतिमा प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न कराया गया। इस अवसर पर जगतगुरु रामानंदाचार्य समर्पण सेवा संस्थान के भक्त पंडित योगेन्द्र महंत (पूर्व राज्यमंत्री दर्जा), प्रशांत महंत, प्रकाश वैष्णव, कृष्णा बैरागी, बंटी बैरागी ने बताया कि 23 जनवरी से वैदिक संत-महात्माओं के सान्निध्य एवं महंत शत्रुघ्नदास महाराज के निर्देशन में जगतगुरु रामानंदाचार्यजी महाराज की संगमरमर की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव शुरू हुआ था। समापन अवसर पर महामंडलेश्वर राधे-राधे बाबा, महामंडलेश्वर लक्ष्मणदासजी महाराज, महामंडलेश्वर रामचरणदास महाराज, महामंडलेश्वर रामायणीजी, पूर्व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त मनोहर बैरागी (उज्जैन) एवं मालवा-निमाड़ के सैकड़ों संत-महात्मा शामिल हुए। पंडित योगेन्द्र महंत ने बताया कि समापन पर सुबह हाथी, घोड़े, बग्घी और बैंड-बाजे के साथ भगवा ध्वजा शोभायात्रा निकाली गई। संत-महात्माओं ने जगतगुरु रामानंदाचार्य के जयघोष से पश्चिम क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। सुपर कॉरिडोर स्थित पवन टेकरी हनुमान मंदिर परिसर क्षेत्र में नवनिर्मित मंदिर में जगतगुरु रामानंदाचार्यजी प्रतिमा प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के समापन अवसर पर भोजन प्रसादी दोपहर 12 बजे से शाम तक जारी रही, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। सबसे खास बात यह रही कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखी। इस दौरान सौ से ज्यादा श्रद्धालु सेवा कार्य में लगे रहे और एक दर्जन सेवादार भक्तों के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था संभालते देखे गए। 









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