इंदौर के एक कॉलेज के प्रिंसिपल उत्तर प्रदेश के महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के पहले कुलपति बनेंगे। वे जल्द ही कुलपति का चार्ज लेंगे। ये विश्वविद्यालय भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा स्थापित किया जा रहा है। प्रो. डॉ. अवधेश कुमार सिंह इंदौर के शुभदीप आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय के प्राचार्य एवं निदेशक है। इस अनूठी उपलब्धि के लिए आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य व होम्योपैथिक डॉ. ए.के द्विवेदी ने डॉ. सिंह का सम्मान किया है। उन्होंने कहा आयुष चिकित्सा के परिणाम कई बीमारियों की रोकथाम में सटीक और दुष्प्रभाव रहित है। इसके तहत सम्मिलित सभी विधाओं को मॉडर्न साइंस के विशेषज्ञों के साथ मिलकर नए सिरे से संवारने की जरूरत है। इसके देखते हुए प्रदेश के सभी आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक कॉलेजों में शोध कार्य शुरू कराया जाएगा।
योग, नेचुरोपैथी के अलग-अलग सेंटर पर होगी शुरू
उन्होंने कहा नेचुरौपैथी, योग, सिद्धा की विधा को भी अलग-अलग सेंटर पर शुरू किया जाएगा। इधर, डॉ. ए.के द्विवेदी ने कहा आयुष में कई बीमारियों के रोकथाम और इलाज की सुविधा है। इसके किसी तरह के दुष्परिणाम भी नहीं हैं, लेकिन बिना रिसर्च इनको वैज्ञानिक मान्यता नहीं मिल पाती है। इस बात पर डॉ. सिंह ने आश्वासन दिया है कि उनके कार्यकाल में रिसर्च वर्क पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कोरोना के अनुभव के बाद अब आयुष चिकित्सा की विधाओं को मॉर्डन साइंस के विशेषज्ञों के साथ मिलकर नए सिरे से संवारने की जरूरत है। दोनों ने माना कि कोरोना की रोकथाम में आयुष काढ़ा तथा होम्योपैथिक दवा का विशेष लाभ पूरे देश को मिला और इस बार भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने में आयुष काढ़ा और होम्योपैथिक दवा अहम भूमिका निभाएगी।
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