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ओमिक्रॉन भले घातक नहीं, लेकिन डेल्टा या अन्य वैरिएंट खतरनाक:संक्रमण की रफ्तार कम, लेकिन मौत रोज दो-तीन; इनमें बीपी, शुगर, कैंसर वाले उम्रदराज मरीज ज्यादा

कोराेना संक्रमण की रफ्तार कुछ दिन में कम हुई, लेकिन रोज औसतन दो से तीन लोगों की मौत दर्ज हो रही है। हाल ही में जिन छह मरीजों की मौत रिपोर्ट हुई है, उनके फेफड़ों में खराबी मिली। हालांकि उन्हें किडनी, ब्लड प्रेशर, शुगर, थायराइड सहित अन्य गंभीर बीमारियां भी थी। ज्यादातर की उम्र 60 साल या उससे अधिक थी। आईसीयू इंटेविस्ट डॉ. विवेक जोशी कहते हैं कि ओमिक्रॉन भले ही घातक असर नहीं करता है, लेकिन डेल्टा या अन्य वैरिएंट कर सकता है, इसलिए एहतियात जरूरी है।

हाल ही में रिपोर्ट 6 मौत, कुछ के फेफड़ों में 70% तक पहुंच गया था संक्रमण

55 वर्षीय महिला को ब्रेस्ट कैंसर, हाईपोथायराडिज्म और ब्लड प्रेशर की शिकायत थी। 23 जनवरी को सांस में शिकायत, बुखार और खांसी के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया। 25 जनवरी को मौत हो गई। 65 वर्षीय मरीज को शुगर, ब्लड प्रेशर की शिकायत थी। बुखार और सिरदर्द के कारण 23 जनवरी को निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। 25 जनवरी को मौत हो गई। दोनों ही मामलों में कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे।

74 वर्षीय मरीज को हार्ट और फेफड़ों संबंधी बीमारी थी। 5 दिसंबर से 25 दिसंबर तक वे अस्पताल में भर्ती थे। इसके बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। घर जाने के बाद भी उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 45% आ गया। दोबारा अस्पताल गए। जांच में कोविड पॉजिटिव मिले। कुछ देर में उनकी मौत हो गई।

92 वर्षीय महिला 15 जनवरी को घर में गिर गईं। जांच कराई तो कोविड पॉजिटिव आईं। दो दिन बाद मौत हो गई। उन्हें वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लगे थे।

67 वर्षीय बुजुर्ग को ब्लड प्रेशर व शुगर की बीमारी थी। 30 दिसंबर को निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। डिस्चार्ज होकर घर आ गए, फिर भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। 21 जनवरी को फिर भर्ती किया। जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई।

60 वर्षीय मरीज का सात-आठ साल पहले किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उन्हें बुखार और जुकाम हुआ। अस्पताल में भर्ती किया। फेफड़ों में 70 प्रतिशत तक संक्रमण मिला। करीब आठ दिन तक भर्ती रहने के बाद मौत हो गई।

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